सरकारी संपत्ति तोड़ने का अधिकार नहीं, निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी, विपक्ष को ओम बिरला की चेतावनी

Om Birla
ANI
अंकित सिंह । Aug 18 2025 12:48PM

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसदों से कहते सुने जा सकते हैं कि जिस ज़ोर से आप नारे लगा रहे हैं, उसी ज़ोर से सवाल भी पूछेंगे तो देश की जनता का भला होगा। जनता ने आपको सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है और मैं आपसे अनुरोध करता हूँ और आपको चेतावनी देता हूँ कि किसी भी सदस्य को सरकारी संपत्ति नष्ट करने का विशेषाधिकार नहीं है।

लोकसभा में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों को चेतावनी देते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को उनसे कहा कि वे जिस तीव्रता से नारे लगाते हैं, उसी तीव्रता से सवाल भी उठाएं। उन्होंने कहा कि इससे देश के लोगों को कुछ लाभ होगा। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसदों से कहते सुने जा सकते हैं कि जिस ज़ोर से आप नारे लगा रहे हैं, उसी ज़ोर से सवाल भी पूछेंगे तो देश की जनता का भला होगा। जनता ने आपको सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है और मैं आपसे अनुरोध करता हूँ और आपको चेतावनी देता हूँ कि किसी भी सदस्य को सरकारी संपत्ति नष्ट करने का विशेषाधिकार नहीं है।

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ओम बिरला ने सांसदों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया तो उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। ओम बिरला ने कहा, "अगर आप सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे, तो मुझे कुछ निर्णायक कदम उठाने होंगे और देश की जनता आपको देखेगी। कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के लिए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मैं आपको फिर से चेतावनी देता हूँ। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कोशिश न करें।"

 बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों को सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की चेतावनी दी। एक बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इस बीच ही विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर शोर-शराबा करने लगे। 

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हंगामे के बीच ही वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। बाद में सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। शोर-शराबे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।

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