Purvottar Lok: अमित शाह के दौरों ने बढ़ाया पूर्वोत्तर के चुनावी राज्यों का सियासी तापमान, Arunachal Pradesh से राजनाथ ने चीन को दिया सख्त संदेश

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पूर्वोत्तर में उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं में 74 प्रतिशत कमी आई है, सुरक्षा बलों पर हमलों में 60 प्रतिशत तथा आम नागरिकों की मौत के मामलों में 89 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ ही उग्रवादी समूहों से जुड़े करीब 8,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण कर दिया है।

नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनावों की बढ़ती राजनीतिक हलचल के बीच गृह मंत्री अमित शाह का पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा जहां इस क्षेत्र के सियासी तापमान को बढ़ा गया वहीं पिछले साल दिसंबर में तवांग में चीनी घुसपैठ की कोशिश को विफल किये जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश दौरे पर पहुँचे और चीन को सख्त संदेश देने के साथ ही वहां कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने आंकड़ों के जरिये बताया कि कैसे पूर्वोत्तर विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। बहरहाल, आइये डालते हैं एक नजर पूर्वोत्तर से जुड़ी इस सप्ताह की खबरों पर-

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार ने मणिपुर को उग्रवाद तथा बंद से पूरी तरह मुक्त किया है और हम उसे विकास की राह पर लेकर आये हैं। अमित शाह ने राज्य में 300 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने और 1,007 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने उग्रवाद का सफाया किया और राज्य के छह जिलों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) हटाया। उन्होंने कहा, ''मणिपुर में कांग्रेस के शासन के दौरान उग्रवाद जैसी स्थिति थी। अब वह सर्वश्रेष्ठ शासित छोटे राज्यों में आता है।’’

अमित शाह ने मणिपुर के मोइरांग स्थित भारतीय राष्ट्रीय सेना (इंडियन नेशनल आर्मी.... आईएनए) मुख्यालय का दौरा कर वहां तिरंगा भी फहराया। उल्लेखनीय है कि आईएनए ने पहली बार भारतीय धरती पर मोइरांग में ही तिरंगा फहराया था। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के इंफाल ईस्ट जिले में मार्जिंग पोलो कॉम्प्लेक्स में घोड़े पर सवार एक पोलो खिलाड़ी की 120 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। मणिपुर को इस खेल का जन्म स्थान माना जाता है।

अरुणाचल से आई इस सप्ताह की खबरों पर गौर करें तो सबसे बड़ी खबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा ही रही। तवांग झड़प के बाद पहली बार अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर पहुँचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत युद्ध में विश्वास नहीं करता है, लेकिन किसी भी चुनौती का सामना करने एवं अपने भूभाग की रक्षा करने की हर क्षमता रखता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने अपने किसी पड़ोसी देश की एक इंच भूमि का भी अतिक्रमण नहीं किया है। रक्षा मंत्री सिंह ने साथ ही सैन्य तैयारियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू कश्मीर के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलों और सड़कों समेत 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देश को समर्पित किया।

उधर मिजोरम से खबर है कि राज्य अगले साल मार्च में जी-20 बैठक की मेजबानी करेगा। राज्य सरकार ने इस आयोजन की तैयारियों की निगरानी के लिए एक कोर समिति का गठन किया है। मुख्य सचिव रेणु शर्मा ने कहा कि गृह आयुक्त एच. लालेंगमाविया की अध्यक्षता में समिति दो मार्च को होने वाली बैठक के लिए सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विभिन्न उप-समितियों का भी गठन किया गया है।

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वहीं त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो इस राज्य में भी चुनावी गहमागहमी शुरू हो गयी है। इस सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी यहां का सघन चुनावी दौरा किया। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि अगले साल देश में होने वाले आम चुनावों से पहले एक जनवरी तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा।

उधर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-आईपीएफटी सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी किया। फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने त्रिपुरा में विकास और कल्याण के कई कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास परियोजनाएं ‘हीरा’ (राजमार्ग, अंतरदेशीय जलमार्ग, रेलवे और वायुमार्ग) की अवधारणा पर आधारित होंगी और उन्होंने राज्य को पूरा सहयोग देकर अपना वादा निभाया है।

इसके अलावा, त्रिपुरा के गोमती जिले में पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के पैतृक आवास के पास भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के समर्थकों के बीच हुई झड़प में दो लोग घायल हो गए। उदयपुर अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) निरूपम दत्ता ने बताया कि जामजुरी इलाके में मंगलवार रात हुई इस झड़प में शामिल होने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है, वहीं एक ग्रामीण ने भी माकपा समर्थित उपद्रवियों पर भाजपा समर्थकों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

उधर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बिप्लब कुमार देब ने दावा किया है कि त्रिपुरा के लोग 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में ही राज्य की वामपंथी सरकार को बदलना चाहते थे, लेकिन उस दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने जनता की आकांक्षाओं का सम्मान नहीं किया। उनाकोटी जिले के फटीकरॉय इलाके में ‘बिजय संकल्प रैली’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने की अपील करने वाला माकपा और कांग्रेस का संयुक्त बयान उनकी वर्षों पुरानी नजदीकियों को दर्शाता है।

इसके अलावा, त्रिपुरा के वरिष्ठ मंत्री एवं (भाजपा की सत्तारूढ़ सहयोगी आईपीएफटी के संस्थापक-अध्यक्ष एन.सी. देबबर्मा का मस्तिष्काघात के कारण निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटे और तीन बेटियां हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देबबर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्हें आने वाली पीढ़ियां एक मेहनती जमीनी नेता के रूप में याद रखेंगी जिन्होंने हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम किया।

नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो कांग्रेस की नगालैंड इकाई ने राज्य विधानसभा के सभी 60 विधायकों से अपना इस्तीफा सौंपने और नगा राजनीतिक समाधान को लागू करने की मांग करने को कहा है। नगालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. थेरी ने कहा, ‘‘यदि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस (यूडीए) सरकार में कोई ईमानदारी बची है, तो उन्हें अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंप देना चाहिए और उनसे राजनीतिक समाधान लागू करने के लिए कहना चाहिए।’’ उन्होंने भारत सरकार से नगा लोगों को संशय में नहीं रखने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘अब बहुत हो गया है।’’

उधर, नगालैंड मंत्रिमंडल ने ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) से अलग राज्य की उनकी मांग पर पुनर्विचार करने और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार नहीं करने की अपील करने का फैसला किया है। संसदीय कार्य मंत्री नीबा क्रोनू ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। हम आपको बता दें कि ईएनपीओ का हिस्सा रहीं छह जनजातियों ने दिसंबर में हॉर्नबिल महोत्सव का बहिष्कार किया था और यह भी घोषणा की कि वे फरवरी-मार्च में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।

दूसरी ओर, मेघालय से आई खबरों की बात करें तो उच्चतम न्यायालय ने असम-मेघालय के बीच सीमा विवाद के निस्तारण के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर मेघालय उच्च न्यायालय के स्थगनादेश के निष्पादन पर रोक लगा दी है। 

उधर, मेघालय में कैबिनेट मंत्री हैमलेट्सन दोहलिंग समेत तीन विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कोनराड संगमा सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री दोहलिंग पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के विधायक थे और पूर्वी खासी हिल्स जिले में माइलीम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। री भोई जिले में उमसिनिंग का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीए के एक अन्य विधायक जेसन सॉकमी मावलोंग और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के विधायक समलिन मालनगियांग ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया। मालनगियांग पूर्वी खासी हिल्स जिले में सोहियोंग निर्वाचन क्षेत्र के विधायक थे।

उधर, असम से आई खबरों की बात करें तो असम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य प्रद्युत बोरदोलोई ने केंद्र सरकार से गुवाहाटी में वीजा मुद्रांकन सुविधा और एक स्वास्थ्य जांच केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे विदेश यात्रा करने की योजना बनाने वाले पूर्वोत्तर के लोगों को फायदा होगा।

इसके अलावा, असम के नागांव से पिछले साल नवंबर में लापता एक महिला और उसके नाबालिग बेटे को पाकिस्तान में कथित तौर पर वैध दस्तावेजों के बिना दाखिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। नागांव पुलिस और पीड़ित महिला के परिजनों ने यह दावा किया है।

उधर, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने इस सप्ताह राजधानी गुवाहाटी में एक नए राजभवन और गुवाहाटी पुलिस आयुक्त कार्यालय सहित सात बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का निर्माण 1,776 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। हेमंत विश्व शर्मा ने असम के राज्यपाल जगदीश मुखी की मौजूदगी में खरघुली में एक नए राजभवन की आधारशिला रखने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।

इसके अलावा, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने हाथियों को तेज गति से आने वाली रेलगाड़ियों की टक्कर से बचाने के लिए अपने दो मंडलों में ध्वनि आधारित प्रौद्योगिकी लगाई है। एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने बताया कि दुनिया में पहली बार इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल रेलवे ने हाथियों की ट्रेन से टक्कर रोकने के लिए किया है। अधिकारी ने बताया कि लामडिंग डिवीजन में पहली बार उपकरण लगाने के छह महीने के भीतर करीब 400 हाथियों की जान बचाई गई है।

उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अवैध शिकार की कोई घटना ना होने और असम में गैंडों के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए पूर्वोत्तर के राज्य असम की सराहना की। प्रधानमंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के एक ट्वीट को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह एक सुखद समाचार है! असम के लोगों को बधाई, जिन्होंने राह दिखाई है और जो गैंडों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत रहे हैं।’’

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत हिमंत बिस्व शर्मा ने दावा किया है कि राज्य वर्ष 2022 में अच्छी वित्तीय स्थिरता हासिल करने के साथ ही वृद्धि की राह पर आगे बढ़ चला है। हिमंत बिस्व शर्मा ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि असम पहली बार अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं है। उन्होंने कहा कि तेल रॉयल्टी, आबकारी, परिवहन एवं जीएसटी संग्रह बढ़ने से ऐसा संभव हो पाया है।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि राज्य पुलिस इस्लामी धर्मगुरुओं की जिहादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के बाद मदरसा शिक्षा को युक्तिसंगत बनाने के लिए मुस्लिमों के साथ काम कर रही है। हम आपको बता दें कि राज्य पुलिस ने 2022 के दौरान आतंकी संगठन अंसारूल बांग्ला टीम और ‘अल कायदा इन इंडियन सबकॉंटीनेंट’ (एक्यूआईएस) के आठ मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया तथा इस सिलसिले में 51 लोगों को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ निजी मदरसों से संचालित हो रहे नौ बांग्लादेशियों की सीधी संलिप्तता का भी पता चला था। उन्होंने कहा कि मदरसों में अच्छा माहौल बनाने के लिए पुलिस शिक्षा के प्रति सकारात्मक रुख रखने वाले कुछ बंगाली मुस्लिमों के साथ भी समन्वय कर रही है।

वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस सप्ताह कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं में 74 प्रतिशत कमी आई है, सुरक्षा बलों पर हमलों में 60 प्रतिशत तथा आम नागरिकों की मौत के मामलों में 89 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उग्रवादी समूहों से जुड़े करीब 8,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण कर दिया है और अपने परिवार तथा खुद के लिए बेहतर भविष्य का स्वागत करते हुए मुख्यधारा में शामिल हो गये हैं।

रेड्डी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर को पहले अशांति, बम हमलों, बंद आदि के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले आठ साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यहां शांति स्थापित हुई है।’’ उन्होंने कहा कि यहां उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये जिनमें 2019 में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ, 2020 में ब्रू समुदाय और बोडोस से जुड़े समूहों के साथ और 2021 में कार्बी समुदाय से जुड़े समूहों के साथ समझौते किये गये। उन्होंने कहा कि असम-मेघालय और असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद लगभग सुलझ गया है और शांति बहाल होने के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के मार्ग पर बढ़ गया है।

रेड्डी ने विकास के संबंध में कहा कि क्षेत्र में 2014 से बजटीय आवंटन में काफी बढ़ोतरी देखी गयी है और तब से क्षेत्र के लिए चार लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि आवंटित की गयी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की योजनाओं के तहत पिछले चार साल में वास्तविक व्यय 7,534.46 करोड़ रुपये रहा, वहीं अगले चार साल में 2025-26 तक खर्च के लिए 19,482.20 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।

-नीरज कुमार दुबे

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