संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने बनाई रणनीति

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सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने रविवार को रणनीति बनाई और कहा कि आम जनता से जुड़े विषयों को उठाने के लिए हरसंभव संसदीय साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

नयी दिल्ली। सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने रविवार को रणनीति बनाई और कहा कि आम जनता से जुड़े विषयों को उठाने के लिए हरसंभव संसदीय साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पहल पर विपक्षी दलों के नेताओं ने आज अलग से एक बैठक की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि विपक्षी सांसद सरकार पर विधेयकों को जल्दबाजी में पारित करने की जगह इन्हें संसद की स्थायी समितियों को भेजने के लिये दबाव बनाएंगे।

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एक विज्ञप्ति में यहां बताया गया कि विपक्षी नेताओं की बैठक में महंगाई, किसान आंदोलन, कोविड-19 ‘‘कुप्रबंधन’’ जैसे मुद्दों को मॉनसून सत्र में जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में उच्च सदन से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, शिवसेना से संजय राउत, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश, उपनेता कांग्रेस आनंद शर्मा, माकपा से इलामारक करीम और भाकपा से विनय विश्वम शामिल हुए।

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बैठक में लोकसभा से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के भगवंत मान, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर, केरल कांग्रेस के थामसजी, शिवसेना के विनायक राउत आदि शामिल हुए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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