जासूसी कांड के लिए एकजुट विपक्ष, शरद पवार के घर विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद बयान जारी कर कहा- पेगासस पर चर्चा जरूरी

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विपक्ष की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘विपक्षी पार्टियां इस मांग को लेकर अडिग और एकजुट हैं कि पेगासस मामले पर संसद में चर्चा हो और गृह मंत्री इसका जवाब दें क्योंकि इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा के आयाम जुड़े हैं।’

कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बुधवार को एक बार फिर सरकार से आग्रह किया कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराए। इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अहंकार दिखाने का आरोप लगाया तथा कहा कि संसद में पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा के तत्काल बाद किसानों और तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराई जाए। राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, माकपा के ई. करीम, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, भाकपा के विनय विश्वम, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और लोकतांत्रिक जनता दल के एमवी श्रेयांश कुमार की ओर से यह बयान जारी किया गया है। इस संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘विपक्षी पार्टियां इस मांग को लेकर अडिग और एकजुट हैं कि पेगासस मामले पर संसद में चर्चा हो और गृह मंत्री इसका जवाब दें क्योंकि इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा के आयाम जुड़े हैं।’’ विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि पेगासस पर चर्चा के ठीक बाद किसानों के मुद्दों और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लेकर चर्चा कराई जाए। उन्होंने दावा किया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने एकजुट विपक्ष को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार अभियान चलाया है और संसद में व्यवधान के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है।

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इस गतिरोध की जिम्मेदारी सरकार पर है जो अहंकार में है और दोनों सदनों में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मानने से इनकार कर रही है।’’ विपक्षी सदस्यों ने कहा, ‘‘विपक्ष एक बार फिर सरकार से आग्रह करता है कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और चर्चा के लिए तैयार हो।’’ पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था। लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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