'Army बहुत शक्तिशाली है लेकिन सरकार बहुत कमजोर', China मुद्दे पर बोले ओवैसी- सच छुपाया जा रहा
अपने बयान में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम ने यह कहकर देश को गुमराह किया कि हमारे क्षेत्र में कोई नहीं आया है। उन्होंने दावा किया कि ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें हैं जो दिखाती हैं कि चीनी सैनिकों ने डेपसांग और डेमचोक पर कब्जा कर लिया है।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन के साथ हुई झड़प को लेकर विपक्ष संसद से सड़क तक सरकार के खिलाफ हमलावर है। इन सबके बीच एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने साफ तौर पर कहा कि चीन के मुद्दे पर हमने बफर जोन बनाने की गलती की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर सच को छुपाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शी नहीं है। वह आधा सच कह रही है। भ्रामक तथ्य सामने रखे जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने सर्वदलीय बैठक करने की मांग कर दी या फिर संसद में बहस होने की मांग कर दी हैं। हालांकि, ओवैसी ने साफ तौर पर कहा कि चीन के खिलाफ सरकार अगर कोई निर्णय लेती है तो पूरा देश उनका समर्थन करेगा।
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अपने बयान में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम ने यह कहकर देश को गुमराह किया कि हमारे क्षेत्र में कोई नहीं आया है। उन्होंने दावा किया कि ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें हैं जो दिखाती हैं कि चीनी सैनिकों ने डेपसांग और डेमचोक पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने सावल किया कि वे हमारी जमीन हड़पना जारी रखेंगे फिर भी उनके साथ व्यापार असंतुलन जारी रहेगा? इसके साथ ही हैदराबाद से सांसद ने कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए या संसद में बहस करनी चाहिए और हमें बताना चाहिए कि वे चीन पर क्या निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार राजनीतिक नेतृत्व दिखाती है तो पूरा देश उनका समर्थन करेगा। सेना बहुत शक्तिशाली है लेकिन सरकार बहुत कमजोर है और चीन से डरती है।
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दूसरी ओर लोकसभा में एस जयशंकर ने कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं? उन्होंने कहा कि हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए।
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