माता-पिता ने दान किए अपनी 6 साल की बेटी के ऑर्गन, डॉक्टर ने कर दिया था दिमागी रूप से मृत घोषित

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एम्स में माता-पिता ने दिमागी रूप से मृत बेटी के अंग दान किये है।न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने पीटीआई- को बताया कि लखनऊ के सात वर्षीय बच्चे का यकृत प्रतिरोपण किया जाएगा, जो दिल्ली के एक अन्य अस्पताल में भर्ती है।

नयी दिल्ली ।एम्स के ट्रामा सेंटर मेंदिमागी रूप से मृत घोषित छह वर्षीय लड़की के माता-पिता ने उसका हृदय, यकृत, गुर्दे और नेत्रपटल (कॉर्निया) दान कर दिये। चिकित्सकों द्वारा शुक्रवार को उसे दिमागी रूप से मृत घोषित किये जाने के बाद अंग पुनर्प्राप्ति एवं बैंकिंग संगठन (ओआरबीओ-एम्स) ने राष्ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) को इसकी जानकारी दी, जिसने प्रतीक्षा सूची के आधार पर जरूरतमंदों को अंग आवंटित किए। न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने पीटीआई- को बताया कि लखनऊ के सात वर्षीय बच्चे का यकृत प्रतिरोपण किया जाएगा, जो दिल्ली के एक अन्य अस्पताल में भर्ती है।

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डॉ. गुप्ता जेपीएनएटीसी ट्रॉमा सेंटर में अंगदान गतिविधियों को भी देख रहे हैं। हृदय के लिये समान उम्र का कोई जरूरतमंद नहीं मिला है। हृदय के वॉल्व को बाद में इस्तेमाल के लिये रख लिया गया है। दोनों गुर्दों को शुक्रवार रात एक अन्य बच्चे में प्रत्यारोपित किया जाना था। दोनों कॉर्निया भी दो अन्य बच्चों में प्रत्यारोपित की जाएंगी। डॉक्टर गुप्ता ने कहा, रॉली नामक लड़की के सिर में गोली लगी थी। वह गोली शायद किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके पिता पर चलाई थी। इस मामले में पुलिस जांच जारी है। लड़की को 28 अप्रैल की सुबह ट्रामा सेंटर के न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि उसकी हालत गंभीर थी और सीटी स्कैन में उसके सिर में गोली दिखी थी। जांच के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर उसे दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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