मौत को दावत दे रही पैसेंजर ट्रेनें, जान जोखिम में डालकर करनी पड़ रही यात्रा
पैसेंजर ट्रेनों की कम संख्या होने की वजह से जो ट्रेन चल रही हैं उनमें भयंकर भीड़ देखने को मिल रही है। लोग ट्रेनों के गेट तक लटक कर यात्रा कर रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि जब लगभग सभी एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को चला दिया गया है तो पैसेंजर ट्रेनों को भी चला दिया जाना चाहिए।
कोरोना महामारी के कारण भारत में ट्रेन संचालन भी काफी प्रभावित रही। लेकिन अब जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हो रहा है ट्रेनों का संचालन एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है। हालांकि अब भी पहले की भांति पैसेंजर ट्रेनों की शुरूआत नहीं हो सकी है। यही कारण है कि लोकल ट्रैवल करने वाले लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति ऐसी है कि पैसेंजर ट्रेनों की कम संख्या होने की वजह से जो ट्रेन चल रही हैं उनमें भयंकर भीड़ देखने को मिल रही है। लोग ट्रेनों के गेट तक लटक कर यात्रा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कपलिंग के बीच में भी लोगों को खड़े रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह कुरुक्षेत्र से हजरत निजामुद्दीन आने वाली मेमू ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। गेट तक यात्री लटककर यात्रा कर रहे थे। कपलिंग पर भी यात्री खड़े होकर यात्रा कर रहे थे
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ट्रेन की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। रेल मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए टि्वटर पर फोटो भी ट्वीट किया गया। कुरुक्षेत्र-हजरत निजामुद्दीन मेमू ट्रेन की यह तस्वीर उन यात्रियों की दिक्कतों को साफ तौर पर पेश कर रही है जो रोज दैनिक कार्यों के लिए दिल्ली आते हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली के आसपास के शहरों से हजारों की संख्या में लोग राजधानी आते हैं और अपना नौकरी करते हैं। पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में कमी होने की वजह से जो ट्रेनें चल रही हैं उनमें भी भयंकर भीड़ देखने को मिल रही है।
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यात्रियों को हो रही दिक्कत
यात्रियों का कहना है कि जब लगभग सभी एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को चला दिया गया है तो पैसेंजर ट्रेनों को भी चला दिया जाना चाहिए। कई ट्रेन ऐसी भी हैं जिनकी टाइमिंग आम लोगों के ऑफिस के टाइम से मैच नहीं कर रही है। ऐसे में जिस ट्रेन की टाइमिंग ऑफिस के टाइमिंग से मैच कर रही है उसमें भीड़ देखने को मिल सकती है। कई पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेनों में तब्दील कर दिया गया है। इसके कारण लोकल यात्रियों को परेशानी हो रही है। कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, रेवाड़ी, मथुरा, आगरा, मेरठ, सहारनपुर जैसे शहरों से हजारों की संख्या में लोग रोज दिल्ली आते हैं।
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अब भी नहीं चल रही पैसेंजर ट्रेनें
रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की समस्याओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी के देश में दस्तक देने से पहले यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को दिल्ली से जोड़ने के लिए लगभग 325 लोकल पैसेंजर ट्रेनें चला करती थी। लेकिन वर्तमान समय में इनकी संख्या सिर्फ 80 है। यात्रियों को जिस तरह से भीड़ का सामना करना पड़ रहा है उसकी वजह से कोरोनावायरस फैलने का खतरा और भी बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रेनों के परिचालन को एक बार फिर से सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है जिससे कि यात्रियों को परेशानी ना हो और कोरोना का खतरा भी कम रहेगा।
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