Prabhasakshi's Newsroom। IGI एयरपोर्ट पर यात्री परेशान, करना पड़ रहा है लंबा इंतजार

IGI Airport
प्रतिरूप फोटो

देशभर में कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमीक्रोन' का अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। लेकिन ओमीक्रोन को लेकर मोदी सरकार अलर्ट पर है। एयरपोर्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यात्रियों को लंबी-लंबी कतारों में इंतजार न करना पड़े इसके लिए अधिकारी प्रयास कर रहे हैं।

जोखिम वाले देशों से भारत पहुंची 11 फ्लाइटों के 3476 यात्रियों में से 6 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसकी वजह से यात्रियों को भी काफी परेशानी हो रही है। यात्रियों को लंबी-लंबी लाइनों पर खड़ा होना पड़ रहा है, लाउंज में काफी भीड़-भाड़ है और महंगा कोरोना टेस्ट यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। 

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यात्रियों को हो रही खासी परेशानी

देशभर में कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमीक्रोन' का अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। लेकिन ओमीक्रोन को लेकर मोदी सरकार अलर्ट पर है। एयरपोर्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यात्रियों को लंबी-लंबी कतारों में इंतजार न करना पड़े इसके लिए अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। लेकिन टर्मिनल पर भारी भीड़-भाड़ देखी जा सकती है। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक जोखिम में देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा और दूसरे देशों से आने वाले 5 फीसदी यात्रियों का रैडम टेस्ट होगा।

यात्रियों को एयरपोर्ट से निकलने या फिर दूसरी फ्लाइट लेने से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया कि बुधवार को टर्मिनल 3 पर 1700 से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। दिल्ली वापस लौटी एक यात्री ने बताया कि वो एक महीने पहले अपनी बेटी से मिलने के लिए लंदन गई थी और बुधवार को करीब 2 बजे फ्लाइट लैंड की। उसके बाद उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने बताया कि घंटो तक इंतजार करने की वजह से मैं थक गई थी। हमारे पास खाना और पानी नहीं था। मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई तब जाकर मैं वहां से निकली।

यह कोई एक यात्री की कहानी नहीं बल्कि जोखिम वाले देशों से आने वाले लगभग हर-दूसरे तीसरे यात्री की कहानी है। हालांकि एयरपोर्ट अधिकारी इस समस्या का समाधान करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। 

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एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक टेस्ट के दो विकल्प हैं: पहले टेस्ट के लिए 500 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। टेस्ट के परिणाम में लगभग छह घंटे लगते हैं। जबकि दूसरा रैपिड आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा। जिसके लिए 3,900 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा और इसकी रिपोर्ट आने में करीब 90 मिनट लगते हैं।

आपको बता दें कि जोखिम वाले देशों में यूरोपीय देश, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल हैं। इन देशों के यात्रियों को भारत आने पर अतिरिक्त उपायों का पालन करने की जरूरत है, जिसमें आगमन के बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना भी शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश आने वाले अंतराष्ट्रीय यात्रियों के लिए दिशानिर्देशों को और संशोधित किया है। जिसमें कहा गया है कि जो मुल्क जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल नहीं हैं वहां आने वाले कुल यात्रियों का हवाई अड्डे पर रैडम टेस्ट किया जाएगा।

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