पटनायक ने जगन्नाथ मंदिर को विश्व धरोहर स्थल बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। वे विभिन्न धार्मिक संस्थानों को निशाना बना रहे हैं। अत: यह अनिवार्य है कि मंदिर की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं।’’ इस बैठक में मुख्य सचिव एके त्रिपाठी और डीजीपी बीके शर्मा भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इस अभियान से विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास करेगी।
भुवनेश्वर। पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के समीप अवैध निर्माण हटाने के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को लोगों से 12वीं सदी के मंदिर के रखरखाव और सुरक्षा के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया। पटनायक ने इस मंदिर शहर को विश्व धरोहर स्थल बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की भी घोषणा की। ओडिशा सरकार ने मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश में उसकी बाउंड्री दीवार के 75 मीटर के दायरे के भीतर सभी ढांचों को गिराने और लोगों को हटाने का फैसला किया है। पटनायक ने कहा कि दुनियाभर में धार्मिक संस्थानों पर आतंकवादी खतरे के मद्देनजर मंदिर में सुरक्षा कड़ी करने की जरूरत है। उन्होंने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, ‘‘आतंकवाद विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। वे विभिन्न धार्मिक संस्थानों को निशाना बना रहे हैं। अत: यह अनिवार्य है कि मंदिर की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं।’’ इस बैठक में मुख्य सचिव एके त्रिपाठी और डीजीपी बीके शर्मा भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इस अभियान से विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास करेगी। पटनायक ने कहा, ‘‘यह सच है कि इस अभियान से कुछ लोग प्रभावित होंगे। हालांकि, मैं उनसे मंदिर की सुरक्षा के लिए सहयोग करने और आगे आकर बलिदान करने की अपील करता हूं।’’ पिछले सप्ताह पुरी में लोग इस अभियान के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे।
उन्होंने कहा कि सरकार को कोई फैसला लेने से पहले जन सुनवाई की व्यवस्था करनी चाहिए। पटनायक ने कहा, ‘‘पुरी मंदिर की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इसलिए मैं लोगों से मंदिर की सुरक्षा के लिए इस पहल पर विचार करने का अनुरोध करता हूं।’’ एक बयान के अनुसार, सरकार पुरी को जगन्नाथ बल्लव माथा (मंदिर) से जोड़ने के लिए 190 करोड़ रुपये की लागत से एक पुल का निर्माण करेगी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के प्रमुख कृष्ण कुमार ने बताया कि पुरी में श्वेत गंगा, मार्कंडा, नरेंद्र और इंद्र्रद्युमना टैंक जैसी झीलों और कई धरोहरों का पुनरुद्धार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दो वर्षों में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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