दिल्ली की सीमा को खुलवाने के लिए HC में याचिका दायर, केजरीवाल ने एक हफ्ते के लिए सील की थी सीमाएं

delhi high court

आप सरकार ने एक जून से एक हफ्ते के लिए दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि ”हम सीमाएं खोलेंगे, तो पूरे देश के लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आ जाएंगे।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर कर दिल्ली की सील सीमाओं को तत्काल खोलने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि एनसीआर और अन्य राज्यों के लोग राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के अस्पतालों में अपना इलाज करा सकें। याचिकाकर्ता और वकील कुशाग्र कुमार ने बताया कि याचिका का वेब लिंक के जरिए तत्काल सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के सामने उल्लेख किया और इसके चार जून को सूचीबद्ध होने की संभावना है। आप सरकार ने एक जून से एक हफ्ते के लिए दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि ”हम सीमाएं खोलेंगे, तो पूरे देश के लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आ जाएंगे। दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित होने चाहिए।” 

इसे भी पढ़ें: दिल्ली की सीमा 1 हफ्ते के लिए सील, केजरीवाल ने अस्पताल में दिल्लीवालों के ही इलाज पर मांगा सुझाव 

केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली-गुड़गांव, दिल्ली-गाजियाबाद और दिल्ली नोएडा सीमा एक हफ्ते के लिए सील है। सिर्फ जरूरी सेवा प्रदाताओं और कर्मचारियों को सीमा पार करने की इजाजत है, जो वे अपना पहचान पत्र दिखा कर सकते हैं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में काम करने वाले और नोएडा और गुरुग्राम या अन्य राज्यों में रहने वाले लोग एम्स जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों में इलाज कराने के अधिकार से वंचित हुए हैं। इसमें कहा गया है, “दिल्ली सरकार का आदेश न केवल अमानवीय और गैरकानूनी है, बल्कि निरंकुश है। चिकित्सा का बुनियादीढांचा बनाने और चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए काम करने के बजाय, वह सीमाओं को सील कर रहे हैं और दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा का लाभ लेने से रोक रहे हैं।” इसमें कहा गया है कि एनसीआर में रहने वाले लोग फ्लाइट और ट्रेन जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए दिल्ली आते हैं और सरहदों को सील करने से इन संपर्कों पर असर पड़ेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़