Delhi Car Blast । कश्मीरी युवा को 'सुसाइड बॉम्बर' बनाने की साजिश, डॉक्टरों का आतंकी नेटवर्क बेनकाब

दिल्ली कार बम धमाके में \'व्हाइट-कॉलर\' आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है, जिसमें डॉ. उमर नबी ने कश्मीरी युवक जसीर को सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए ब्रेनवॉश किया था। कुलगाम की मस्जिद से भर्ती कर उसे फरीदाबाद ले जाकर कट्टरपंथी बनाया गया, जिससे युवाओं के आतंकी जाल में फंसने की गंभीर चुनौती सामने आई है।
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में आतंकवाद का एक चौंकाने वाला 'व्हाइट-कॉलर' मॉड्यूल सामने आया है। इस ब्लास्ट में मारे गए मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी पर आरोप है कि वह दक्षिण कश्मीर के एक युवक को भर्ती कर उसे आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) बनने के लिए ब्रेनवॉश कर रहा था।
'डॉक्टर मॉड्यूल' को क्यों चाहिए था सुसाइड बॉम्बर?
जाँच एजेंसियों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा यह 'व्हाइट-कॉलर' मॉड्यूल (जिसमें कथित तौर पर डॉक्टरों का एक समूह शामिल है), पिछले एक साल से सक्रिय रूप से एक आत्मघाती हमलावर की तलाश कर रहा था।
गिरफ्तार सह-आरोपियों (डॉ. अदील राथर और डॉ. मुजफ्फर गनई) ने पुलिस को बताया कि उमर नबी, जो खुद धमाके में मारा गया था, 'कट्टर कट्टरपंथी' था।वह अपने आतंकी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एक सुसाइड बॉम्बर की जरूरत को लेकर लगातार कोशिश कर रहा था।
इन गिरफ्तारियों से मिली जानकारी के आधार पर, श्रीनगर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड से जसीर उर्फ 'दानिश' नाम के एक युवक को हिरासत में लिया है।
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कैसे किया गया 'ब्रेनवाश'?
पॉलिटिकल साइंस में बैचलर की डिग्री रखने वाले जसीर ने पुलिस को बताया कि वह पिछले साल कुलगाम की एक मस्जिद में इस 'व्हाइट-कॉलर' मॉड्यूल से पहली बार मिला था।
इसके बाद, मॉड्यूल के सदस्यों (डॉक्टरों) ने उसे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक किराए के मकान में ले जाकर ब्रेनवॉश करने की कोशिश की, ताकि वह आतंकी ऑपरेशन को अंजाम दे सके।
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