कश्मीर में बगीचों में लहलहा रही है आलूबुखारे की फसल, रिकॉर्ड पैदावार से उत्पादकों के चेहरे खिले

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प्रभासाक्षी से बाचतीत करते हुए आलू बुखारा उत्पादकों ने कहा कि इस साल की उपज पिछले रिकॉर्ड को पार कर सकती है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। उत्पादकों ने अच्छी फसल का श्रेय समय पर हुई बारिश और प्रभावी कीट प्रबंधन को दिया।

कश्मीरी आलू बुखारे की गुणवत्ता और स्वाद सबसे बेहतर होता है। इस समय कश्मीर में आलू बुखारा की फसल को पेड़ों से तोड़ा जा रहा है। आलूबुखारा उत्पादक आपको इस समय एक ओर फसल को एकत्रित करते और दूसरी ओर गत्तों के डब्बों में उसकी पैकिंग करते हुए दिख जायेंगे। हम आपको बता दें कि पेड़ों से ताजे तोड़े गए आलू बुखारा को पैक कर स्थानीय और दूसरे राज्यों के बाजारों में भेजा जाता है। इस समय आलू बुखारा के बगीचे रसीले आलू बुखारे से लहलहा रहे हैं। स्थानीय लोग, श्रमिक और पर्यटक आलू बुखारे के पेड़ों की ओर खूब आकर्षित हो रहे हैं।

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प्रभासाक्षी से बाचतीत करते हुए आलू बुखारा उत्पादकों ने कहा कि इस साल की उपज पिछले रिकॉर्ड को पार कर सकती है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। उत्पादकों ने अच्छी फसल का श्रेय समय पर हुई बारिश और प्रभावी कीट प्रबंधन को दिया। उन्होंने बताया कि बगीचों में श्रमिक और उत्पादक सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि फसल समय पर बाजारों में पहुँच सके।

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