Purvottar Lok: Tripura में चुनाव प्रचार में सभी दलों ने झोंकी ताकत, Nagaland व Meghalaya में भी चुनावी माहौल गर्माया, Assam में बाल विवाह विरोधी अभियान तेज

Himanta Biswa Sarma
ANI

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि पिछले साल 6.2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं में से 17 प्रतिशत किशोरी थीं। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2022 में 6,20,867 पंजीकृत गर्भवती महिलाएं थीं।

नमस्कार, प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। आज के कार्यक्रम में बात करेंगे असम में तेज होते बाल विवाह विरोधी अभियान की और त्रिपुरा, मेघालय तथा नगालैंड में गर्माते चुनावी माहौल की। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मणिपुर से आई बड़ी खबरों पर भी डालेंगे नजर, लेकिन सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

असम में नाबालिग लड़कियों से शादी करने के आरोप में लोगों की धरपकड़ जारी है जिससे गिरफ्तार लोगों की संख्या 2800 के करीब पहुँच गयी है। इस मामले में अब तक चार हजार से ज्यादा एफआईआर हो चुकी हैं। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘बाल विवाह के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है...इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। हम इस सामाजिक अपराध के खिलाफ हमारी लड़ाई में असम के लोगों का समर्थन मांगते हैं।’’ इस बीच, पुलिस ने कहा कि एक गर्भवती महिला की रविवार को बोन्गईगांव में प्रसव के दौरान एक अस्पताल में मौत हो गयी। इस महिला की पिछले साल शादी हुई थी और उस वक्त वह नाबालिग थी। इस मामले में उसके पति तथा ससुर को गिरफ्तार किया गया है।

उधर, असम में बाल विवाह के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच पुलिस अब आरोपियों को रखने के लिए अतिरिक्त जेल सुविधाएं स्थापित कर रही है। गोलपाड़ा और कछार जिलों में ऐसी दो जेलें पहले से तैयार हैं। जबकि विभिन्न जिलों के अभियुक्तों को पहले ही गोलपाड़ा में स्थानांतरित कर दिया गया है, ऐसी ही एक और अस्थायी जेल कछार में भी बनाई जा रही है।

दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि पिछले साल 6.2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं में से लगभग 17 प्रतिशत किशोरी थीं। हिमंत विश्व शर्मा ने प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में 6,20,867 पंजीकृत गर्भवती महिलाएं थीं। मुख्यमंत्री द्वारा साझा किए गए आरसीएच पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, कुल गर्भवती महिलाओं में से 1,04,264 19 साल या उससे कम उम्र की थीं, जो गर्भवती महिलाओं का करीब 16.79 प्रतिशत है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बाल विवाह के खिलाफ हमारा अभियान सार्वजनिक स्वास्थ्य और जनकल्याण के लिए है क्योंकि असम में किशोर गर्भावस्था अनुपात काफी खतरनाक है। हम अपने उद्देश्य को पूरा करने तक इस अभियान को जारी रखने का संकल्प लेते हैं।’’

असम से आई अन्य खबरों की बात करें तो इस सप्ताह गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने एनआईए को असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों पर संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों के सिलसिले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी। हम आपको बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने याचिका दायर कर चारों व्यक्तियों को आरोपमुक्त करने के एनआईए की विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुमन श्याम और न्यायमूर्ति मलासरी नंदी की खंडपीठ ने मामले को दोबारा खोलने और आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने को कहा।

उधर, असम के तिनसुकिया जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) का एक उग्रवादी मारा गया। तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने कहा कि उदय असोम और मृगांखा असोम के नेतृत्व में उल्फा (आई) के सात से नौ उग्रवादियों के पिछले 8-10 दिनों से मार्गेरिटा और लेखपानी इलाकों में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। उन्होंने कहा, ‘‘उग्रवादी तिनसुकिया जिले के एक प्रभावशाली व्यवसायी का अपहरण करने की साजिया रच रहे थे। वे डीजीपी जी.पी.सिंह और आईजीपी (एनईआर) जीतमोल डोले को उल्फा (आई) के खिलाफ लगातार कार्रवाई के लिए निशाना बनाने की भी साजिश रच रहे थे।’’ दिलीप ने कहा कि पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार तड़के एक अभियान शुरू किया और इस दौरान मालुगांव इलाके में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तम लहोन उर्फ उदय असोम मौके पर ही मारा गया। वह आईईडी में निपुण था। अंधेरे का फायदा उठाकर अन्य उग्रवादी वहां से भाग निकले।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने एक राइफल, दो ग्रेनेड, आईईडी सामग्री, कंबल, एक बैग और दवाएं जब्त की हैं। पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया जा रहा है।’’

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर में उग्रवादी घटनाओं में 89 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मौत के मामलों में 85 प्रतिशत की कमी आई है। गुवाहाटी में तीन दिवसीय ‘वाई-20’ सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में शांति लौट आई है और वर्तमान में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति लौट आई है। पूर्वोत्तर के मामले में, पिछले आठ वर्षों के दौरान उग्रवाद की घटनाओं में 89 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 85 प्रतिशत की कमी आई है।’’ ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र की कानून व्यवस्था की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार के साथ, कड़े सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) को पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों से वापस ले लिया गया है।

उधर, असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की ‘समानांतर आकांक्षाएं’ आमतौर पर उग्रवाद जैसे मुद्दों की ओर ले जाती हैं, जिसने राज्य में साढ़े तीन दशकों के सशस्त्र विद्रोह में 8,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है। ‘वाई 20’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार राज्य से उग्रवाद की समस्या को हल करने के लिए लोगों की ‘‘समानांतर आकांक्षाओं’’ को लेकर कदम उठाने की रणनीति के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह संघर्ष सुलह और मतभेदों के बारे में कभी नहीं था। सरकार की सोच में एक बदलाव आया है वह है लोगों की विभिन्न आकांक्षाओं की पहचान करना।’’

दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हॉलीवुड अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है। हम आपको बता दें कि यह उद्यान अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री ने डिकैप्रियो को यह आमंत्रण तब दिया जब हॉलीवुड अभिनेता ने राज्य सरकार की गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के प्रयासों के लिए सराहना की। डिकैप्रियो ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि असम सरकार के 2021 में शुरू किए गए प्रयासों को अगले साल सफलता मिली जब काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में किसी भी गैंडे का शिकार नहीं किया गया।

मणिपुर

मणिपुर से आई खबरों की बात करें तो इंफाल वेस्ट जिले के लाम्फेल इलाके में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा की मणिपुर इकाई के प्रवक्ता और भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि मायांगलामबम सुरेश कुमार गुरुवार की रात भाजयुमो के कार्यालय सचिव एलेक्स निंगोमबम के साथ घर लौट रहे थे, जब बदमाशों ने दोनों को रोका और उन पर हमला किया। हमलावरों के पास बंदूकें थीं। बाद में हमलावर चार पहिया वाहन से मौके से फरार हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरेश कुमार की हालत गंभीर बताई जा रही है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना की निंदा की और कहा कि उनकी सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।

उधर, एनआईए ने प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा जमा किए गए हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी से जुड़े एक मामले में बुधवार को एक किशोर सहित सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग इन हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल मणिपुर में आतंकवादी गतिविधियों में करने की योजना बना रहे थे। इंफाल में एक विशेष एनआईए अदालत में छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है।

इसके अलावा, मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले से म्यांमा की छह महिलाओं सहित दस नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। सभी नागरिकों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया था। पुलिस ने बताया कि पुलिस को इलाके में म्यांमा के कुछ नागरिकों के होने की सूचना मिली थी जिसके आधार पर न्यू लमका शहर के वाल वेंग इलाके में रविवार दोपहर तलाशी अभियान चलाया गया जिसमें पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया, "म्यामां के नागरिकों ने पुलिस कर्मियों को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन पीछा करने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया।" पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में मिली जानकारी के अनुसार आठ नागरिक म्यामां के मोंगवा के रहने वाले हैं। सभी म्यामां से चूड़ाचांदपुर आए थे। सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश की बात करें तो आपको बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) लिकेन कोयू ने बताया है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले की लुमला विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को होने वाले उपचुनाव में एकमात्र उम्मीदवार भाजपा की शेरिंग ल्हामू का नामांकन पत्र वैध पाया गया है। कोयू ने बताया कि आज तीन बजे उम्मीदवारी वापस लेने के अंतिम घंटे के तुरंत बाद एकमात्र उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की गयी। हम आपको बता दें कि पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने एक पूर्व ग्राम प्रधान को अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया था, लेकिन वह दौड़ से हट गए और अपना नामांकन दाखिल नहीं किया। ल्हामू लुमला के विधायक जंबे ताशी की पत्नी हैं, जिनकी मृत्यु के कारण उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी। ताशी ने 2009 से लगातार तीन बार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। हम आपको यह भी बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ होने हैं।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश कैबिनेट ने राज्य सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य श्रेणी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों के लिये ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 35 और 40 करने को मंजूरी दे दी है। 

मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। कैबिनेट ने अरुणाचल सिविल सेवा और सिविल पदों (सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा) नियमावली के नियम तीन में संशोधन को मंजूरी दी। इसके अनुसार, राज्य सिविल सेवा परीक्षा के लिए ऊपरी आयु सीमा सामान्य श्रेणी के लिए 35 वर्ष और प्रदेश के अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 40 वर्ष होगी।

मिजोरम

मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य की राजधानी आइजोल की एक विशेष अदालत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जोरामथांगा के छोटे भाई समेत छह लोगों को भ्रष्टाचार के एक मामले में एक साल की कैद की सजा सुनाई। इन छह लोगों को विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के न्यायाधीश एचटीसी लालरिंछाना ने फर्जी भूमि पास और प्राधिकरण पत्र बनाकर गलत दावों के माध्यम से सरकारी मुआवजा प्राप्त करने के लिए दोषी ठहराया। हम आपको बता दें कि असम सीमा पर कोबालसिब जिले के सैपुम गांव के पास तुइरियाल नदी पर 60 मेगावाट की पनबिजली परियोजना के निर्माण के कारण पानी से डूबी भूमि के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि का मुआवजा दिया गया था। इन दोषियों में आइजोल के रहने वाले सी वनलालछुआना, सईथांगा, सी रोखुमी, लालदुहामा और पीसी ललथाजोवी तथा चम्फई शहर के के लालरावना शामिल हैं।

मेघालय

मेघालय से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों से पहले मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जिले में इस सप्ताह की शुरूआत में हुई चुनाव पूर्व हिंसा में कथित संलिप्तता के आरोप में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और तृणमूल कांग्रेस के 31 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग ‘एक गिरोह का हिस्सा हैं’ जिन्होंने फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के चरबतापारा गांव में मंगलवार की रात को हंगामा किया था। हम आपको बता दें कि मेघालय की 60-सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती दो मार्च को होगी।

इसके अलावा, मेघालय में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाली एकल माताओं (सिंगल मदर) को 3,000 रुपये प्रति महीने की सहायता और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया है। कांग्रेस ने कहा कि मेघालय को ‘5-स्टार’ राज्य बनाने के लक्ष्य से पार्टी द्वारा किए गए पांच बड़े वादों में यह दो भी शामिल हैं। पार्टी ने राज्य को तीन समस्याओं- भ्रष्टाचार, बिजली कटौती और मादक पदार्थ- से मुक्त कराने का भी संकल्प लिया है।

त्रिपुरा

उधर, त्रिपुरा की बात करें तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि हालांकि टिपरा मोथा के साथ कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं है, लेकिन आदिवासी पार्टी के साथ स्थानीय स्तर पर कुछ समझ कायम हो सकती है, जो त्रिपुरा के मौजूदा चुनावों में तीसरे ध्रुव के रूप में उभरी है। येचुरी ने हालांकि, विश्वास जताया कि वाम-कांग्रेस गठबंधन अपने दम पर चुनाव जीतेगा और "त्रिशंकु विधानसभा" नहीं होगी।

उधर, भाजपा ने वादा किया है कि त्रिपुरा में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने पर वह आदिवासी क्षेत्रों के लिए अधिक स्वायत्तता, किसानों की आर्थिक सहायता और रबर आधारित उद्योग के विशिष्ट-विनिर्माण क्षेत्रों में वृद्धि करेगी। भाजपा ने महिलाओं और छात्राओं के लिए भी लोकलुभावन वादे किये। राज्य में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि धार्मिक गुरु अनुकुल चंद्र के नाम पर सभी के लिए पांच रुपये की भोजन योजना शुरू करने के साथ ही अगरतला में एक क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान की स्थापना भी की जाएगी। घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रत्येक बालिका को 50,000 रुपये का ‘बालिका समृद्धि बांड’ दिया जाएगा, जबकि आदिवासी भाषा ‘कोकबोरोक’ को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि त्रिपुरा में ‘डबल इंजन की सरकार’ द्वारा किये गये विकास की गति ‘बुलेट ट्रेन’ की रफ्तार तक पहुंच गई है। सूर्यमणिनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार की गति को कोविड-19 महामारी के दौरान महसूस किया गया, जब लोगों को निशुल्क टीका, मुफ्त इलाज और मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया गया था। योगी ने दावा किया कि अगर राज्य में कांग्रेस या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सत्ता में होती तो लोग इन चीजों से वंचित रह जाते। हम आपको बता दें कि त्रिपुरा में कांग्रेस और माकपा ने ज्यादातर समय शासन किया है। भाजपा 2018 में राज्य की सत्ता में आई और 25 साल लंबे वाम शासन को समाप्त कर दिया। इस बार कांग्रेस और माकपा ने 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को आपस में गठबंधन कर लड़ने का फैसला किया है।

इसके अलावा, त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे कुल 259 उम्मीदवारों में से 45 उम्मीदवार करोड़पति हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक इन करोड़पति उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 17 सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं। इसके बाद टिपरा मोथा के नौ उम्मीदवार जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सात उम्मीदवार करोड़पति हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के छह उम्मीदवार करोड़पति हैं, तृणमूल कांग्रेस के चार और दो निर्दलीय उम्मीदवार भी करोड़पति हैं। चारीलम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा, 15.58 करोड़ की चल और अचल संपत्ति के साथ सबसे धनी उम्मीदवार हैं। मुख्यमंत्री डॉक्टर माणिक साहा 13.90 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे सबसे धनी उम्मीदवार हैं।

नगालैंड

नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने रेखांकित किया है कि राज्य के लोगों को अपनी यह सोच बदलने की जरूरत है कि नगा समुदाय की महिलाएं निर्णायक मंडलों का हिस्सा नहीं हो सकती हैं। मुख्यमंत्री कोहिमा और खोनोमा में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) की चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। रियो ने कहा कि पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में लैंगिक समानता को महत्व दिया गया है इसलिए पार्टी ने पश्चिमी अंगामी और दिमापुर-3 विधानसभा क्षेत्रों से महिला उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है। इसका लक्ष्य राज्य के सर्वोच्च निर्णायक मंडल में महिलाओं को समान अवसर देना है।

उधर, निर्वाचन आयोग ने नगालैंड विधानसभा चुनावों के लिये नामांकन पत्रों की जांच के बाद 222 आवेदनों में 22 को अवैध पाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 225 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था जिनमें से तीन बाद में चुनाव मैदान से हट गये थे। उन्होंने बताया कि जिन 200 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र वैध पाये गये उनमें चार महिलाएं हैं। नगालैंड में सत्तारुढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), जनता दल यूनाईटेड, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) राइजिंग पीपुल्स पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समेत 13 दलों ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। बीस से अधिक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

इसके अलावा, नगालैंड विधानसभा के लिए 27 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में महज तीन दिन पहले ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने चुनावों के बहिष्कार का अपना फैसला वापस ले लिया है। गृह मंत्रालय ने चुनाव की किसी भी प्रक्रिया से दूर रहने के ईएनपीओ के 26 अगस्त 2022 के प्रस्ताव की समीक्षा करने का अनुरोध किया था जिसके बाद ईएनपीओ ने दीमापुर में अपनी कार्यकारी बैठक में यह फैसला लिया। ईएनपीओ ने सभी नागरिकों से चुनावों में सरकार के साथ सहयोग करने तथा ईएनपीओ के क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की कोई समस्या खड़ी न करने का भी अनुरोध किया।

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