Bengal में प्रोफेसरों ने पूजा पंडाल के बाहर प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों की गिरफ्तारी की आलोचना की
दुर्गा पूजा के एक पंडाल के समीप प्रदर्शन कर रहे नौ विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की प्रोफेसरों के दो संगठनों ने आलोचना की। ये छात्र आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
कोलकाता । कोलकाता में दुर्गा पूजा के एक पंडाल के समीप प्रदर्शन कर रहे नौ विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की प्रोफेसरों के दो संगठनों ने आलोचना की। ये छात्र आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) और अखिल बंगाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एबीयूटीए) ने अलग-अलग बयानों में राज्य के लोगों से गिरफ्तार विद्यार्थियों और कनिष्ठ चिकित्सकों को अपना समर्थन देने की अपील की।
कनिष्ठ चिकित्सक ‘बिगड़ती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के खिलाफ’ आमरण अनशन पर हैं। इन नौ विद्यार्थियों को बुधवार शाम को दक्षिण कोलकाता में त्रिधारा सम्मिलनी के दुर्गा पूजा पंडाल के पास आरजी कर अस्पताल में मारी गयी महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करते हुए पर्चे बांटने और नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार विद्यार्थियों में से कई जादवपुर विश्वविद्यालय के हैं। जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, “हम अपने विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। छात्र शांतिपूर्वक विरोध कर न्याय की मांग कर रहे थे। वे केवल महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की निष्पक्ष जांच और इसमें शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी चाहते थे। उन्हें प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है।”
उन्होंने कहा, “हम विद्यार्थियों के समर्थन में हैं।” एबीयूटीए के महासचिव गौतम मैती ने विद्यार्थियों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों की ‘उचित मांगों’ को पूरा करने के लिए तुरंत कार्रवाई करे। एक अदालत ने बृहस्पतिवार को इन नौ विद्यार्थियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने दावा किया कि ये विद्यार्थी एक नक्सल समर्थक संगठन के सदस्य हैं।
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