नरेंद्र और देवेंद्र की जोड़ी पर जनता ने लगाई मुहर, PM की तरह रिजल्ट से पहले पहुंचे थे केदारनाथ
महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन 165 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। वहीं कांग्रेस-एनसीपी 91 सीटों पर आगे है। ऐसे में एक बार फिर यह चर्चा चल पड़ी है कि क्या नरेंद्र और देवेंद्र की जोड़ी के काम पर जनता ने मुहर लगाई है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) महाराष्ट्र में एक बार फिर भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करता हुआ नजर आ रहा है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन 165 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। वहीं कांग्रेस-एनसीपी 91 सीटों पर आगे है। ऐसे में एक बार फिर यह चर्चा चल पड़ी है कि क्या नरेंद्र और देवेंद्र की जोड़ी के काम पर जनता ने मुहर लगाई है। महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस ऐसे शख्सियत बनकर उभरे हैं जिन्होंने बहुत कम वक्त में कामयाबी की बुलंदियों को छुआ है। लोकसभा चुनाव का वो दौर जब चुनावी नतीजों से पहले पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे थे। पीएम मोदी ने यहां एक गुफा में ध्यान लगाया था और पूजा अर्चना की थी। जिसके बाद आम चुनाव में बंपर सफलता भी मिली थी।
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उसी तर्ज पर चलते हुए महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों से पहले सूबे के मुखिया देवेंद्र फडणवीस अपनी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ भगवान महादेव के दर्शन करने केदारनाथ पहुंचे थे। सीएम फडणवीस कुछ लोगों के साथ महाकाल के दरबार पहुंचे और पूजा अर्चना की। जिसके बाद उन्हें भी महाकाल का आशीर्वाद मिलता दिख रहा है। महाराष्ट्र में 5 वर्षों के बीजेपी-शिवसेना की गठबंधन सरकार को कामयाबी से चला ले जाने की उपलब्धि उनके खाते में है। ये उपलब्धि भी उन्होंने तब हासिल की है, जब 2014 से पहले राष्ट्रीय स्तर पर उनकी कोई ज्यादा पहचान नहीं थी। साल 2014 का वो दौर था जब बीजेपी बिना किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनावों में गई थी। महाराष्ट्र में शिवसेना से अलग होकर लड़ने वाली बीजेपी को 122 सीटें मिली और शिवसेना को इससे आधी सीटों (62) पर सिमटना पड़ा। बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर थी, ऐसे में बिना बहुमत के सरकार चलाने के लिए एक काबिल तेज तर्रार और माहिर रणनीतिकार की जरूरत थी।
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प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने इसके लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम चुना। मराठाओं के वर्चस्व वाली महाराष्ट्र की राजनीति में देवेंद्र फडणवीस का चुना जाना इसलिए भी हैरान करने वाला था क्योंकि वो ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। महाराष्ट्र में अब तक हुए 18 मुख्यमंत्रियों में 12 मराठा समुदाय से आते हैं। देवेंद्र फडणवीस पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने जिस तरह से भरोसा जताया था आगे चलकर सही भी साबित हुआ। 2019 के चुनाव में उनके पास देवेंद्र फडणवीस का चेहरा था। उनके 5 साल के कामों का लेखा जोखा था। शिवसेना के साथ मजबूत गठबंधन था। ऐसे में फड़णवीस ने दमदार राजनीतिक शख्सियत का परिचय दिया।
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