कश्मीर में सार्वजनिक यातायात बहाल, दुकानें खुलने लगीं

पृथकतावादियों के हड़ताल के आह्वान के बावजूद कश्मीर के अनेक स्थानों पर आज सार्वजनिक यातायात बहाल हो गया और दुकानें भी धीरे-धीरे फिर से खुलने लगी हैं।

श्रीनगर। पृथकतावादियों के हड़ताल के आह्वान के बावजूद कश्मीर के अनेक स्थानों पर आज सार्वजनिक यातायात बहाल हो गया और दुकानें भी धीरे-धीरे फिर से खुलने लगी हैं। अब पहले से ज्यादा लोग अपने रोजमर्रा के कामों के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं, जो घाटी में स्थिति सामान्य होने का संकेत है। कश्मीर की गर्मियों की राजधानी श्रीनगर में आज बड़ी संख्या में छोटी बसें, कैब और आटो रिक्शा चल रहे हैं। बड़ी संख्या में वाहनों के चलने से कुछ स्थानों में जाम भी लगा है।

अधिकारियों ने बताया, ‘‘हालांकि हड़ताल रखने का आह्वान किया गया है लेकिन श्रीनगर समेत कश्मीर के अनेक जिला मुख्यालयों में भारी संख्या में सार्वजनिक वाहन सड़कों पर चल रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि जिले के अंदर चलने वाले सार्वजनिक वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। अधिकारियों ने बताया कि सिविल लाइन समेत शहर के बाहरी इलाकों में आज दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कश्मीर के अन्य जिलों से भी दुकानें खुलने और सार्वजनिक वाहनों के चलने की खबरें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि टीआरसी चौक-बटमालू से शहर के मध्य में स्थित लाल चौक सिटी सेंटर जाने वाले रास्ते पर पटरी-रेहड़ी वालों ने अपनी दुकानें लगा रखी हैं। हालांकि हड़ताल के कारण सामान्य जनजीवन आंशिक तौर पर अभी भी प्रभावित है। उन्होंने बताया कि सालाना बोर्ड परीक्षायें चालू हैं, जबकि स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति अभी भी प्रभावित है।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह को छोड़कर कश्मीर घाटी में आठ जुलाई से जनजीवन प्रभावित है। आठ जुलाई को सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को एक मुठभेड़ में मार दिया था। कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शनों का साप्ताहिक कार्यक्रम जारी करने वाले अलगाववादी संगठनों ने अपनी हड़ताल एक दिसंबर तक बढ़ा दी है। उन्होंने पिछले सप्ताह की ही तरह इस सप्ताह भी पूरे दो दिन के लिए छूट देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि घाटी में जारी अशांति के चलते अभी तक दो पुलिसकर्मियों समेत 86 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुये हैं। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुयी झड़पों में अभी तक करीब 5,000 सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं।

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