कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों को केंद्र ने 3 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया

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खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा, ‘‘हमने करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को तीन दिसंबर को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है।’’

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है। पंजाब की किसान यूनियनों द्वारा नए कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। केंद्र ने अब यूनियनों को मंत्रिस्तरीय बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। इससे पहले पंजाब के किसान नेताओं ने सोमवार को अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन को वापस लेने की घोषणा करते हुए एक और मंत्रिस्तरीय बैठक की शर्त रखी थी। इसके बाद किसानों ने अपने करीब दो माह के रेल रोको आंदोलन को वापस लेते हुए सिर्फ मालगाड़ियों के लिए रास्ता खोल दिया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा, ‘‘हमने करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को तीन दिसंबर को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में दूसरे दौर की बातचीत के लिए बुलाया है।’’

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सचिव ने बताया कि किसान संगठनों को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से बातचीत में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के भी शामिल होने की उम्मीद है। पंजाब सरकार के खाद्य एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को भी बातचीत में शामिल होने को कहा गया है। इस बारे में पहले दौर की वार्ता 13 नवंबर को हुई थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने रुख से हटने को तैयार नहीं थे। पंजाब के किसान नए कृषि कानूनों को हटाने और उनके स्थान पर नए कानून लाने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि नए कानून सभी अंशधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाए जाने चाहिए। इसके अलावा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मोर्चे पर भी गारंटी चाहते हैं। उनको आशंका है कि इन कानूनों से एमएसपी समाप्त हो सकता है। हालांकि, केंद्र ने इस आशंका को खारिज किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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