राहुल ने आंध्र के नेताओं के साथ की मैराथन बैठक, किसी से नहीं करेंगे गठबंधन

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ करीब तीन घण्टे तक मैराथन बैठक की जिसके बाद पार्टी ने कहा कि राज्य में वह आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग का समर्थन करते हुए यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर भाजपा और तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने राज्य की जनता के साथ धोखा किया है।
गांधी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस के आंध्र प्रदेश प्रभारी ओमन चांडी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में उनकी पहली प्राथमिकता संगठन को मज़बूत करना है और इसके लिए बूथ स्तर तक अभियान चलाया जाएगा। चांडी ने कहा कि वह हर जिले में जाएंगे और संगठन को मज़बूत करने के लिए बूथ स्तर तक कार्य किया जाएगा। संगठन को मजबूत करने के लिए एक कार्य योजना भी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि वह इस माह की 12-13 तारीख को विजयवाडा गए थे वहाँ प्रदेश के नेताओं से विस्तृत चर्चा की थी।
Senior leaders of Andhra Pradesh Congress had a meeting with @INCIndia President Shri Rahul Gandhi today in New Delhi. pic.twitter.com/6SSxUiuhZH
— INC Andhra Pradesh (@INC_Andhra) June 20, 2018
चांडी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का गठबंधन जनता के साथ होगा और पार्टी राज्य के किसी दूसरे दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। कांग्रेस के आंध्र प्रदेश प्रभारी ने कहा कि संप्रग -2 सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले चार साल में इसे सिर्फ लटकाया है। चांडी के मुताबिक राहुल गांधी ने सपष्ट किया कि अगर कांग्रेस 2019 में सत्ता में आती है तो तत्काल प्रभाव से आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
Congress President @RahulGandhi met Congress leaders from Andhra Pradesh. @INC_Andhra pic.twitter.com/PAbIMgonGr
— Congress (@INCIndia) June 20, 2018
सूत्रों के मुताबिक गांधी के साथ आंध्र के इन कांग्रेस नेताओं की बैठक अपराह्न 11 बजे से आरंभ होकर दिन में दो बजे तक चली। इस दौरान गांधी ने नेताओं से एक एक करके अलग से भी मुलाकात की। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री चांडी के आंध्र प्रदेश का कांग्रेस प्रभारी नियुक्ति होने के बाद राज्य के पार्टी नेताओं के साथ गांधी की यह पहली बैठक थी। कभी एकीकृत आंध्र प्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन तेलंगाना राज्य बनने के बाद पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
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