राजधानी एक्सप्रेस में कैंसर मरीजों को छूट देने की याचिका खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी एक्सप्रेस के किराए में कैंसर मरीजों को छूट के लिए रेल मंत्रालय को निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से आज इनकार कर दिया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी एक्सप्रेस के किराए में कैंसर मरीजों को छूट के लिए रेल मंत्रालय को निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से आज इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखने वाले वकील से कहा, ‘‘इस याचिका में जनहित की कौन सी बात है? आप सिर्फ प्रचार पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।’’ पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन कर सकते हैं।

याचिका में कहा गया था कि यदि इन मरीजों को ऐसी राहत दे दी जाती है तो इससे मुश्किल समय के दौरान उनका वित्तीय बोझ और आने-जाने में लगने वाला समय कम हो सकेगा। हालांकि अदालत जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर सहमत नहीं हुई। पीठ ने कहा, ‘‘कृपया हमें ऐसी किसी घटना के बारे में बताइए, जिसमें ऐसे किसी मरीज को असुविधा हुई हो। किसी परेशान व्यक्ति को आने दीजिए, तब हम इसपर सुनवाई करेंगे। आप अपनी इस याचिका को वापस लीजिए और अपनी बात को अधिकारियों के समक्ष रखिए।’’

गैर सरकारी संगठन फरियाद फाउंडेशन ने इस याचिका में कहा था कि कैंसर के इलाज में विशेष दक्षता रखने वाले बड़े अस्पताल महानगरों में ही हैं और यदि उन्हें राजधानी एक्सप्रेस में किराए में छूट दी जाती है तो मरीजों के लिए यह फायदेमंद रहेगा क्योंकि यह बहुत कम समय में बड़े शहरों तक पहुंचा देती है।

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