ट्वीट के खेल से बिगड़ा NDA में मेल, चरम पर पासवान-नीतीश की तकरार
विशेषज्ञ भी मानते है कि एलजेपी सिर्फ और सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है। यानी कि अपने साथी दलों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है ताकि सीट बंटवारे में उसे सम्मानजनक और मनचाहा सीट मिल सके। ऐसे में एलजेपी के रास्ते में कोई बड़ा पत्थर साबित होगा तो वह जदयू ही होगा। इसी वजह से एलजेपी अध्यक्ष नीतीश कुमार और जदयू पर हमलावर हैं।
चुनाव नजदीक आने के साथ ही बिहार में तल्खियों का दौर शुरू हो गया है। महागठबंधन हो या फिर एनडीए, दोनों ही गठबंधनों में खटपट चल रही है। बात अगर एनडीए की करे तो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, उनके पुत्र और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच रिश्ते सामान्य नहीं है। यानि कि पासवान पिता-पुत्र और नीतीश कुमार के बीच रिश्तों में खटास है। चिराग और नीतीश के बीच की तल्खी की लगातार खबरे भी सुर्खियों में है। पर रामविलास पासवान से रिश्ते सामान्य ही रहते है। पर फिलहाल ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। रामविलास पासवान और नीतीश कुमार के बीच खटपट उस दिन खुलकर सामने आ गई जब मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। बधाई के बाद रामविलास पासवान ने भी नीतीश कुमार को पहले गर्मजोशी से धन्यवाद किया लेकिन अचानक उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर एक साधारण ट्वीट के जरिए धन्यवाद किया।
रामविलास पासवान के डिलीट किए गए ट्वीट के बाद बिहार की राजनीति में नया उबाल आना लाजमी था। वही देखने को भी मिल रहा है। पर ऐसा नहीं है कि नाराजगी सिर्फ एक ओर से है। जहां एक ओर चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लगातार नाराज चल रहे हैं तो वहीं नीतीश भी चिराग से खुश नहीं हैं। फिलहाल लोजपा और नीतीश कुमार के बीच खटपट की दो मुख्य वजह बताई जा रही है। पहला तो कि चिराग पासवान विधान परिषद के 12 राज्यपाल कोटे की सीट में अपनी पार्टी की भी हिस्सेदारी चाहते हैं। जबकि दूसरा तो आप सबको पता है। बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान अपनी पार्टी के लिए कम से कम 42 सीटें चाहते हैं। फिलहाल खबरों के मुताबिक उन्हें 25 से 30 सीटों के बीच मिल सकती है। ऐसे में दबाव बनाने की राजनीति लोजपा की तरफ से लगातार की जा रही है। चिराग पासवान भी नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव के लिए भाजपा तैयार, राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे को बनाएगी चुनावी हथियार
हाल में चिराग पासवान के दिए बयानों को देखें तो ऐसा कहीं से नहीं लगता कि वह नीतीश कुमार को सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने को लेकर बिहार में सहज हैं। 'बिहार प्रथम बिहारी प्रथम' की अपनी यात्रा के दौरान से ही लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान नीतीश कुमार पर हमलावर है। चिराग पासवान के सख्त रुख को देखते हुए राजनीतिक पंडित अब यह मान रहे है कि कहीं ना कहीं एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। चिराग के तल्ख तेवर को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि यह सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन के बड़े दलों पर दबाव बनाने का भी एक तरीका हो सकता है। चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से यहां तक कह दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस बात से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि एनडीए में खटास किस तरीके से अपने चरम पर है।
इसे भी पढ़ें: तेजस्वी का नीतीश पर प्रहार, कहा- कोरोना काल में चुनाव की इतनी जल्दबाजी क्यों?
विशेषज्ञ भी मानते है कि एलजेपी सिर्फ और सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है। यानी कि अपने साथी दलों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है ताकि सीट बंटवारे में उसे सम्मानजनक और मनचाहा सीट मिल सके। ऐसे में एलजेपी के रास्ते में कोई बड़ा पत्थर साबित होगा तो वह जदयू ही होगा। इसी वजह से एलजेपी अध्यक्ष नीतीश कुमार और जदयू पर हमलावर हैं। फिलहाल यह खटपट इतना बढ़ गया है कि चिराग ने अपने पार्टी के एक नेता को इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उसने यह दावा किया था कि एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है। वही एनडीए में खटपट को लेकर कांग्रेस और तेजस्वी यादव भी लगातार अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वे पहले ही कह चुके हैं कि अगर लोजपा भाजपा को छोड़ हमारे साथ आना चाहेगी तो उनका हम स्वागत करेंगे।
अन्य न्यूज़