रामभद्राचार्य ने बांके बिहारी मंदिर पर नियंत्रण करने की उप्र सरकार की योजना का विरोध किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता को एक अध्यादेश के माध्यम से एक न्यास की स्थापना एवं गलियारे के निर्माण का कारण बताया है।
प्रख्यात रामकथा वाचक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को अपने नियंत्रण में लेने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम पर मंगलवार को सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मस्जिदों और चर्च के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाया जा सकता तो मंदिरों के मामले में भी ऐसा नहीं होना चाहिए।
मंदिर के लिए न्यास स्थापित करने और बांके बिहारी गलियारा विकसित करने की राज्य सरकार की योजना पर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने यह टिप्पणी की। वृन्दावन के तुलसी पीठ छत्तीसगढ़ कुंज में पिछले एक सप्ताह से श्रीमद्भागवत कथा पाठ कर रहे रामभद्राचार्य ने कहा, ‘‘ मेरी समझ में नहीं आता कि जब सरकार किसी मस्जिद या चर्च पर नियंत्रण नहीं कर सकती तो मंदिर को ही क्यों अपने नियंत्रण में लेकर उसका कोष हड़पना चाहती है। ’’
रामभद्राचार्य ने सरकार द्वारा मंदिर का न्यास बनाए जाने पर भी अपना विरोध दर्ज कराया। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता को एक अध्यादेश के माध्यम से एक न्यास की स्थापना एवं गलियारे के निर्माण का कारण बताया है।
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