Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बीच बागी उम्मीदवारों ने बढ़ाया तीन प्रमुख पार्टियों की टेंशन

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख दलों को बागियों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस इन बागी उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए मना रही है। पार्टियों के बागी आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए खतरा बन गए हैं।

सोमवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन समाप्त होने के साथ ही तीन प्रमुख दलों को कुछ सीटों पर बागियों से सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान असंतुष्टों को मैदान से हटने की कोशिशें हो रही हैं। आपको बता दें कि इस लिस्ट में सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी को हुआ है। क्योंकि भाजपा कई सीटों जैसे पुत्तूर, बैलहोंगल, चन्नागिरी और अफजलपुर सीटों पर बागियों को मनाने से नाकाम रही है। अरुण कुमार पुथिला, पुत्तूर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन पार्टी ने जब आशा थिम्मप्पा को इस सीट से टिकट दे दिया तो उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया।

बागी उम्मीदवारों से परेशान पार्टियां

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीजेपी कम से कम 14 सीटों पर बागी उम्मीदवारों को अपना नाम चुनावी लिस्ट से हटाने के लिए राजी नहीं कर पाई है। हालांकि बीजेपी ने 224 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन पार्टी अभी भी बगावत की मार से दो-दो हांथ कर रही है। ठीक इसी तरह से कांग्रेस में 18 सीटों पर बागी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा जेडीएस पार्टी का एक बादी मांड्या सीट से चुनावी मैदान में शामिल है। वहीं गांधीनगर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार बैठे कृष्णा शेट्टी को बीजेपी ने जब टिकट नहीं दिया तो वह भी भड़क गए। 

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बागी ने दिखाए तेवर

जिसके बाद उन्होंने कहा कि सभी सर्वे मेरे पक्ष में होने के बाद भी पार्टी द्वारा मुझे टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ रहेंगे, लेकिन एक बागी की तरह। भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में मदल मल्लिकार्जुन चन्नागिरी से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं पूर्व मंत्री सोगाडू शिवन्ना ने भी तुमकुर में बगावत कर दी है। इसके साथ ही बैलहोंगल और विश्वनाथ पाटिल ने भी बेलगावी में अपना नाम वापिस नहीं लिया है। बता दें कि चुनाव में उनकी उपस्थिति जगदीश मेटागुड की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है।

कांग्रेस के भी उम्मीदवार लिस्ट में शामिल

कांग्रेस से पुलकेशीनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने भी कांग्रेस द्वारा टिकट न मिलने पर बागी तेवर अपना लिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला आदि का फोन आने के बाद भी । कांग्रेस के बागी यूसुफ शरीफ केजीएफ बाबू ने अपना नामांकन लेने से इंकार कर दिया। जेडीएस में पूर्व मंत्री शंकर गौड़ा के पोते केएस विजयानंद भी बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। हालांकि बीजेपी 7 बागियों को अपना नामांकन वापस लेने से रोकने के लिए बातचीत करने में सफल रही है।

कुछ को मनाने में सफल हुई पार्टियां

इस लिस्ट में कुनिगल से राजेश गौड़ा, रामदुर्ग से महादेवप्पा यादवाद, चित्रदुर्ग से सौभाग्य बसवराजन, शिरहट्टी से रामप्पा लमानी, विधायक नेहरू ओलेकर के अलावा हरपनहल्ली में दिवंगत डिप्टी सीएम एमपी प्रकाश की बेटी लता मल्लिकार्जुन आदि शामिल हैं। वहीं कांग्रेस 6 बागियों को मनाने में सफल रही है। इसमें हुबली-धारवाड़ मध्य से अल्ताफ कित्तूर, कुम्ता से शारदा शेट्टी आदि शामिल हैं। अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को सुरक्षा देने के लिए कांग्रेस और बीजेपी बागी उम्मीदवारों को प्रचार-प्रसार करने से रोकने का प्रयास कर रही है। 

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