Recap 2022: ट्विटर डील, दिल्ली दंगे से लेकर देश के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद के विवादों की कहानी तक, पढ़ें इस साल की टॉप प्रभासाक्षी स्पेशल स्टोरीज

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एकता । Dec 29 2022 8:23PM

साल 2022 में दुनियाभर में कई घटनाक्रम देखने को मिले, जिनपर प्रभासाक्षी ने तथ्यों का ग्रहणता से अध्ययन कर, विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स को खंगाल कर और रिसर्च कर ये तथ्यात्मक विश्लेषण आपके लिए तैयार किया। सालभर के इन्हीं विश्लेषणों में से टॉप आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचें स्क्रॉल करें।

साल 2022 में दुनियाभर में कई घटनाक्रम देखने को मिले, जिनपर प्रभासाक्षी ने तथ्यों का ग्रहणता से अध्ययन कर, विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स को खंगाल कर और रिसर्च कर ये तथ्यात्मक विश्लेषण आपके लिए तैयार किया। सालभर के इन्हीं विश्लेषणों में से टॉप आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचें स्क्रॉल करें।

क्या है Kievan Rus, रूस, बेलारूस या फिर यूक्रेन सभी का इतिहास इसी से है जुड़ा

किसी भी भूभाग को समझने के लिए वहां के जल, जंगल, जमीन के मिजाज को समझना जरूरी होता है। यूक्रेन पर आक्रमण से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को एक फर्जी देश के रूप में वर्णित किया और कहा कि इसका कोई इतिहास, पहचान नहीं है। पुतिन के आधुनिक यूक्रेन पूरी तरह से रूस द्वारा बनाया गया था, विशेष रूप से बोल्शेविक, कम्युनिस्ट रूस द्वारा यूक्रेन का गठन किया गया था। रूसी राष्ट्रपति भले जो भी कहें लेकिन इतिहास बताता है कि यूक्रेन लंबे वक्त तक एक आज़ाद मुल्क कभी रहा ही नहीं पर किसी आक्रमणकारी को लंबे समय तक अपने यहां टिकने भी नहीं दिया।

हिन्दुओं की महक से पहचान कर मौत के घाट उतारने वाला बिट्टा कराटे, जिसे कहा जाता था कश्मीरी पंडितों का कसाई, जानिए अब कहां है?

पाकिस्तान के फरमान के सबसे बड़े अनुपालनकर्ताओं में से एक फारूक अहमद डार जिसे बिट्टा कराटे के नाम से भी जाना जाता है। वह कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याओं का नेतृत्व करने वाले संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का मुखिया है। 1991 के एक इंटरव्यू में बिट्टा कराटे ने 1990 में 20 से अधिक कश्मीरी पंडितों या "शायद 30-40 से अधिक" की हत्या करने की बात स्वीकार की थी। एक समय में बिट्टा कराटे घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए खूंखार नाम बन गया था और उसे "पंडितों का कसाई" कहा जाता था।

दिल्ली का दिल कब-कब एक दूसरे की सलामती के लिए धड़कना बंद हुआ, सदर बाजार से जहांगीरपुरी तक राजधानी के दंगों का संपूर्ण इतिहास

दिल्ली के दंगों पर नजर डालें तो ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि यहां दंगे हुए हैं। पिछले चार दशकों से दिल्ली दंगों की आग में लगातार झुलसता रहा है। ऐसे में आज हम आपको वो तथ्य बताएंगे, जिससे आप ये समझ पाएंगे कि कब-कब दिल वालों की दिल्ली का दिल एक दूसरे की सलामती के लिए धड़कना बंद हो गया और हालात ने दंगों का रूप ले लिया।

नशे में आया आइडिया, 15 डॉलर में खरीदा लोगो, ट्विस्ट एंड टर्न से भरी है Twitter की कहानी, प्लेटफॉर्म पर क्या होंगे बदलाव

शराब के नशे में दो लोगों की हुई बातचीत ने अगले कुछ दिनों में एक कागजी रूप लिया और देखते ही देखते दुनिया की एक बड़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का खाका खिंच गया जिसे वर्तमान में हम ट्विटर के नाम से जानते हैं।  वेब डेपलपर जैक डोर्सी और उनके दोस्त व odeo के को फाउंडर नोवा ग्लास ने इसे शुरुआत में twttr का नाम दिया बाद में ये बदलकर twitter हो गया।

देश के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद के विवादों की कहानी: ज्ञानवापी, मथुरा और ताजमहल के साथ ही इन 10 जगहों को लेकर भी फंसा है पेंच

भारत में मंदिर और मस्जिद से जुड़ा विवाद कोई नया नहीं है। इमें सबसे ज्यादा चर्चा राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर हुई। लेकिन देश में ऐसे कई विवादित स्थल हैं जिसको लेकर दोनों पक्षों में अलग-अलग राय है। ऐसे में आइए आपको देश के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद विवादों की कहानी बताते हैं।

काली का पोस्टर देख मन आहत हो रहा है तो बर्दाश्त कर लीजिए, भारत एक धर्मनिरपेक्ष मुल्क है, जो इस्लामिक तौर-तरीकों से ही चलेगा?

दू देवी ‘काली’ को अपनी फिल्म में सिगरेट पीते हुए दिखाने वाले पोस्टर लगातार वायरल हैं। काली के पोस्टर में हिंदुओं की आराध्य देवी "काली" के लुक में नजर आ रही एक महिला को सिगरेट का कश खींचते फीचर किया गया है। इतना ही नहीं काली के एक हाथ में LGBTQ समुदाय का झंडा भी है, जिसका एक मतलब LGBTQ को लेकर उनका सपोर्ट भी है। इस्लाम से जुड़े किसी सम्माननीय के संदर्भ में ऐसे सिम्बोलिक चित्र की कल्पना करना भी मुश्किल है।

ललित मोदी: अपने अंदाज से सरप्राइज करने की आदत, कभी अकेले खड़ा किया पूरा IPL, मदद कर फंसी थीं सुषमा स्वराज, वसुंधरा को आज भी घेरते हैं विरोधी

भारत में सबसे लोकप्रिय लीग आईपीएल की शुरुआत ललित मोदी ने ही की थी। आईपीएल के फाउंडर ललित मोदी ही हैं। साल 2008 से 2010 तक ललित कुमार आईपीएल के कमिश्नर के पद पर बने रहे। साल 2010 में मोदी पर आईपीएल में करप्शन करने का आरोप लगा। इन आरोपों पर ये भी कहा गया कि उन्होंने दो आईपीएल टीमों की निलामी गलत तरीके से की थी। दरअसल, ललित मोदी ने वर्ल्ड स्पोर्ट्स को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया था। इस ठेके में से उन्हें खुद के लिए कमीशन लेने का आरोप लगा।

प्राचीन भारत के खतरनाक अस्त्र, अग्नि पुराण में भी मिलता है जिक्र, ब्रह्मास्त्र से पाशुपतास्त्र तक, दुनिया के सबसे शक्तिशाली हथियारों के बारे में जानें

प्राचीन हथियार दो तरह के होते थे। पहला अस्त्र और दूसरा शस्त्र। अस्त्र उसे कहते हैं, जिसे मन्त्रों के द्वारा दूरी से फेंकते हैं। वहीं शस्त्र ख़तरनाक हथियार हैं, जिनके प्रहार से चोट पहुँचती है और मृत्यु होती है। जैसे- तलवार, गदा, भाला, फरसा, कुल्हाड़ी, हथौड़ा आदि।

हाथी पर इंदिरा, ट्रेन में राजीव ने किया सफर, पैदल ही निकल पड़े चंद्रशेखर, जब पदयात्राओं ने बदल दी भारत की सियासी तस्वीर

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस लोगों से संवाद बनाने निकली है या फिर अपनी पहचान बचाने निकली है, इसकी जवाब तो हमें आने वाले वक्त में मिल जाएगा। लेकिन आपको बता दें कि राहुल गांधी जैसी पदयात्राएं देश में पहले भी हुईं हैं। चाहे वो उनकी दादी इंदिरा गांधी के द्वारा की गई हो या फिर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की तरफ से निकाली गई एकता यात्रा हो। यात्राओँ के उस सिलसिले में इतिहास के पन्नों को खोलते हुए आज आपको देश की अहम सियासी यात्राओं के बारे में बताएंगे।

इतिहास के ये खौफनाक पुल हादसे, जो मोरबी से पहले देश को रुला गए, कंपनी की लापरवाही से गई 137 लोगों की जान?

मोरबी का हादसा दिल दहला देने वाला है। जिसने भी तस्वीरे देखी वो सन्न रह गया। किसी को यकीन नहीं हुआ कि जिस पुल को तीन दिन पहले खोला गया है, उस पर ये हादसा हो सकता है। हादसे के बाद ब्रिज की कई तस्वीरें सामने आई हैं। कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि ब्रिज बीच से टूटकर नदीं में समा गया। ब्रिज टूटने के बाद कई लोग नदी में लटक गए। जान बचाने के लिए जिसके हाथ में जो आया, उसने उसी से जान बचाने की कोशिश की। हादसे के  बाद चीख पुकार मच गई, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।

आने वाली है तबाही! कोविड संक्रमित डेड बॉडी Zombies में बदल जाएंगी? रूस के लैब में क्यों किया जा रहा 4 लाख साल पुराने वायरस को जिंदा

इन दिनों एक नए तरह के वायरस की चर्चा भी हो रही है। इस वायरस को जॉम्बी वायरस कहा गया है। यूरोपीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने हाल ही में रूस में साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से "जॉम्बी" नामक वायरस का पता चला है। ये वायरस 48,500 साल पुराना है। इतने सालों से बर्फ के नीचे ही जमा है, लेकिन क्लाइमेट चेंज की वजह से जिस रफ्तार से बर्फ पिघल रही है उससे रिसर्चर्स को चिंता होने लगी है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा चल पड़ी कि क्या ये वास्तविक में मनुष्यों को जॉम्बी में बदलने में भी सक्षम है।

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