Prabhasakshi NewsRoom। असम-मिजोरम में सुलह, शांति बनाए रखने के लिए दोनो राज्यों ने लिया संकल्प
अमित शाह की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के उनके समकक्ष जोरमथांगा के बीच दो दिनों में यह लगातार दूसरी बैठक थी। सरमा ने कहा कि समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तर की बातचीत होगी। उन्होंने बताया कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ आज शाम नयी दिल्ली में माननीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
पूर्वोत्तर राज्यों में शांति लाना हर सरकारों के लिए चुनौती रही है। जुलाई में असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद हो गया था जिसको लेकर हिंसा भी हुई थी। इस हिंसा में असम पुलिस के 5 जवान और एक नागरिक मारे गए थे। उसके बाद से लगातार केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ बड़ी बैठक की। इस बैठक में दोनों राज्यों के बीच सुलह कराने की कोशिश भी की गई जिसके सकारात्मक नतीजे आने शुरू हो गए हैं। गृह मंत्री के ही मौजूदगी में दोनों राज्यों ने सीमा विवाद को सुलझाने का संकल्प लिया। इसके साथ ही गृह मंत्री ने दोनों राज्यों को अलग-अलग कमेटी बनाने का निर्देश दिया। इन कमेटियों में विपक्षी नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों राज्य के मुख्यमंत्री समय-समय पर बैठक भी करेंगे।
अमित शाह की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के उनके समकक्ष जोरमथांगा के बीच दो दिनों में यह लगातार दूसरी बैठक थी। सरमा ने कहा कि समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तर की बातचीत होगी। उन्होंने बताया कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ आज शाम नयी दिल्ली में माननीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हमने अपनी सीमाओं पर शांति बनाए रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की। सरमा ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि दोनों राज्य चर्चा के माध्यम से सीमा विवाद को हल करने के लिए समितियों का गठन करेंगे। इसके लिए समय-समय पर मुख्यमंत्रियों के स्तर की वार्ता भी होगी। हम केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए उनके आभारी हैं। असम और मिजोरम के बीच 164 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा है। जोरमथांगा ने गुरुवार को कहा था कि दोनों राज्य सरकारें सीमा पर बाड़बंदी के विस्तार की कोशिश करेंगी।Heartening to share that I along with HCM Mizoram Sri @ZoramthangaCM met Hon HM Sri @AmitShah this evening in New Delhi. We reaffirmed our resolve to maintain peace and tranquility at our borders.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 26, 2021
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अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठकें केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद हुई हुई हैंजो सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है तथा माना जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्री दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में हैं। छब्बीस जुलाई की हिंसा के बाद, असम और मिजोरम पुलिस दोनों ने एक-दूसरे के राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। हालाँकि, इनमें से कुछ मामलों को एक समझौते के बाद वापस ले लिया गया था। दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों ने 28 जुलाई को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में एक बैठक में भाग लिया था जिसमें संघर्ष स्थल पर एक तटस्थ केंद्रीय बल के रूप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को तैनात करने का निर्णय लिया गया था।
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