ऑड-ईवन से महिलाओं को राहत, CNG कारों को झटका
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी तक प्रदूषण काबू में था और प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कॉम्प्लेक्स चीज है और संस्था या सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं होता है। बल्कि सभी के सामूहिक प्रयास से प्रदूषण कम हुआ. केंद्र सरकार, नगर निगम की योजना की वजह से सुधार हुआ है।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ऑड-ईवन फिर से शुरू करने जा रही है। नवंबर की 4-15 तारीख के बीच दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होने जा रहा है। लेकिन इन सब के बीच ठीक एक महीने पहले दिल्ली सरकार ने इससे जुड़ा बड़ा ऐलान किया है। जिससे महिलाओं को तो राहत मिलेगी लेकिन सीएनजी वाहन चालकों को करारा झटका लगेगा। दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण और ऑड ईवन पर बात की। उन्होंने कहा कि ऑड ईवनमें किसे छूट मिले? इस बारे में उन्होंने परिवहन विभाग से राय मांगी थी। जिस पर विभाग की राय आई है। इस पर केजरीवाल ने कहा कि परिवहन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर निजी सीएनजी कारों को ऑड ईवन में छूट नहीं मिलेगी। वहीं दिल्ली सरकार के ऑड ईवन से महिलाओं को छूट दी गई है. कोई भी गाड़ी जिसमें महिला बैठी हो, उसे ऑड-ईवन से छूट दी जाएगी। ऐसी गाड़ी जिसमे महिला के साथ 12 साल तक का बच्चा हो, उसे भी छूट मिलेगी।
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केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी तक प्रदूषण काबू में था और प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कॉम्प्लेक्स चीज है और संस्था या सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं होता है। बल्कि सभी के सामूहिक प्रयास से प्रदूषण कम हुआ। केंद्र सरकार, नगर निगम की योजना की वजह से सुधार हुआ है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2014 ही में विश्व के 160 प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली को शीर्ष पर विराजमान कर दिया था। ठंडी की ऋतु में बरसों से अधिकांश दिल्लीवासी जिसे ‘फॉग’ (कोहरा) समझते आ रहे थे वह दरअसल धूल, धुआं और रासायनिक कणों का मिश्रण ‘स्मॉग’ (धुंध) था, जो क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े; सबके फेफड़ों को छलनी कर रहा था। जिसके बाद हालत यह हो गई कि बच्चे मास्क पहन कर स्कूल और सांसद संसद भवन जाने को मजबूर हो गए। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस टीएस ठाकुर ने भी दिल्ली में प्रदूषण का हल निकालने की हिदायत दे डाली थी। प्रदूषण घटाने की कवायद में केजरीवाल पहली जनवरी 2016 से लागू होने वाला निजी वाहनों के ‘सम-विषम नंबर’ वाला फार्मूला लेकर आए थे। जिसके तहत अगर गुरुवार सम नंबर वाले वाहनों के लिए है तो शुक्रवार विषम नंबर वाली संख्यापट के वाहनों के लिए होगा। सम-विषम नंबर आखिरी संख्या के आधार पर तय होता है।हालांकि एम्बुलेंस, फायरब्रिगेड और पुलिस वाहन इस गणितीय फॉर्मूला से अछूते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार केजरीवाल का यह फॉर्मूला चीन के बीजिंग मॉडल से उठाया गया है जो वहां वर्ष 2008 के ओलंपिक खेल शुरू होने से पहले पूरे दो महीने लगातार लागू किया गया था।
"दिल्ली में इस साल अभी तक प्रदूषण कंट्रोल में था। प्रदूषण बढ़ना बंद ही नहीं हुआ बल्कि 25% कम भी हुआ। यह अपने में बहुत बड़ी बात है |
— AAP (@AamAadmiParty) October 12, 2019
प्रदूषण किसी एक संस्था या सरकार के प्रयासों से कंट्रोल नहीं होता।
जब सारे मिलकर प्रयास करते हैं तब प्रदूषण पर कंट्रोल होता है।" @ArvindKejriwal pic.twitter.com/GTPiLLG2PN
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