हिंदुओं की ओर से ही हो रहा है RSS का सबसे बड़ा विरोध

मित्तल ने कहा है कि उन्होंने इस पुस्तक से तथ्य और कल्पना के मध्य अंतर करने का प्रयास किया है जो आरएसएस की बहसों के केंद्र में होता है ।
नयी दिल्ली। भाजपा नेता सुधांशु मित्तल ने कहा है कि आरएसएस हिंदू वर्चस्व को नहीं गढ़ता जैसा कि प्राय: माना जाता है और संघ का सबसे बड़ा विरोध स्वयं हिंदुओं से है। यह बात उन्होंने अपनी नवीन पुस्तक आरएसएस: बिल्डिंग इंडिया थ्रू सेवा’’ में कही है। इसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इतिहास, विचारधारा, नीतियों और उसके राष्ट्र पर पड़े प्रभाव की बात की गई है।
कांग्रेसी प्रवक्ता सत्ता की लालसा में अपने झूठे बयानों से अपनी विकृत मानसिकता दिखा रहे हैं और इतने गिर गये हैं कि वो देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी भूल गए हैं! https://t.co/9b0hndKDOG via @YouTube
— Sudhanshu Mittal (@SudhanshuBJP) February 26, 2019
मित्तल ने कहा है कि उन्होंने इस पुस्तक से तथ्य और कल्पना के मध्य अंतर करने का प्रयास किया है जो आरएसएस की बहसों के केंद्र में होता है । उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में आरएसएस की देन एवं स्थिति को स्पष्ट करने के प्रयास के तहत यह किताब लिखी है। भाजपा नेता ने लिखा, “भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, विवादास्पद मुद्दे स्वाभाविक रूप से सामने आते हैं। भारत जैसे युवा लोकतंत्र के लिए, लिंग समानता संबंधी महत्वपूर्ण क्षेत्र जो महिलाओं के जीवन, गरिमा और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं, केवल इसलिए अछूते रह जाते हैं क्योंकि वे धर्म में निहित हैं, और गैर-हिंदू हैं। ये एक बहुत लज्जा की बात है।’’
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मित्तल के अनुसार, आरएसएस हिंदू वर्चस्व की लालसा नहीं रखता जैसा कि भारत में सामान्य रूप से विश्वास किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह हिंदू भावनाओं को आहत करने वाली ऐसी बात है, जो भारत को स्वतंत्रता मिलने के 70 साल पश्वात से अधिक समय से अल्पसंख्यकों को प्रसन्न करने हेतु की जा रही है।यह चिंता का विषय है।
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