‘बलिदान दिवस’ को ‘काला दिवस’ करार देते हुए राजपूत सभा ने कश्मीर में किया प्रदर्शन

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[email protected] । Jul 13 2019 6:18PM

गिल्ली की अगुवाई में 300 कार्यकर्ता यहां एकत्र हुए और बलिदान दिवस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना को सही तरीके से चित्रित नहीं किया गया था। गिल्ली ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से 13 जुलाई को अवकाश की जगह कार्य दिवस घोषित करने की अपील की। गिल्ली ने बताया कि वाईआरएस ने केंद्र की मोदी सरकार से 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश खत्म करने और 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह की जयंती पर राजपत्रित अवकाश घोषित करने का आग्रह किया है।

जम्मू। जम्मू कश्मीर में 13 जुलाई को मनाये जाने वाले ‘बलिदान दिवस’ को ‘काला दिवस’ करार देते हुए युवा राजपूत सभा ने यहां विरोध प्रदर्शन किया और शनिवार को इसके लिए अवकाश समाप्त करने की मांग की। युवा राजपूत सभा (वाईआरएस) के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह गिल्ली ने बताया कि 1931 में डोगरा के शासक महाराजा हरि सिंह के सैनिकों की गोलीबारी में मारे गए लोगों की याद में जम्मू कश्मीर में हर साल 13 जुलाई को बलिदान दिवस मनाया जाता है।

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उन्होंने कहा कि राजपूत समुदाय ने इस अवसर पर अवकाश को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया है क्योंकि यह अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर आगजनी, लूट और सांप्रदायिक नरसंहार की याद दिलाता है। गिल्ली की अगुवाई में 300 कार्यकर्ता यहां एकत्र हुए और बलिदान दिवस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना को सही तरीके से चित्रित नहीं किया गया था। गिल्ली ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से 13 जुलाई को अवकाश की जगह कार्य दिवस घोषित करने की अपील की। गिल्ली ने बताया कि वाईआरएस ने केंद्र की मोदी सरकार से 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश खत्म करने और 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह की जयंती पर राजपत्रित अवकाश घोषित करने का आग्रह किया है। 

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