गृह मंत्री का अस्तित्व दिखता ही नहीं, महाराष्ट्र में भड़की हिंसा पर संजय राउत बोले- दंगे कराने के लिए काम कर रही शिंदे-फडणवीस सरकार
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बुधवार को एक राम मंदिर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था और गुरुवार को हिंसक झड़प के दौरान पुलिस टीम पर हमला किया गया था और उनके कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। सात लोगों को हिरासत में लिया गया है।
देश के कई हिस्सों में रामनवमी के जुलूस के दौरान समूहों के बीच हिंसा भड़क गई, जिससे उत्सव और समारोह में बाधा उत्पन्न हुई। बिहार के मुंगेर में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के बाद 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि जब जुलूस हजरतगंज मोहल्ला इलाके में दाखिल हुआ तो कुछ आपत्तिजनक शब्द बोले गए। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बुधवार को एक राम मंदिर को लेकर विवाद खड़ा हो गया था और गुरुवार को हिंसक झड़प के दौरान पुलिस टीम पर हमला किया गया था और उनके कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। सात लोगों को हिरासत में लिया गया है और 500 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में एक राम मंदिर के पास झड़प के बाद पुलिस कर्मियों पर भीड़ के हमले में घायल होने के कुछ घंटों बाद, एक 51 वर्षीय व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
महाराष्ट्र सरकार प्रायोजित दंगे देख रहा है: संजय राउत
राज्यसभा सांसद और उद्धव सेना के नेता संजय राउत ने रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के लिए महाराष्ट्र में सरकार, पुलिस और प्रशासन की अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये सरकार प्रायोजित दंगे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की समस्या है क्योंकि यहां सरकार, पुलिस, गृह मंत्री का अस्तित्व नहीं है। कहां हैं सीएम व गृहमंत्री? संभाजीनगर में बेवजह दंगा इसलिए हुआ क्योंकि 2 अप्रैल को वहां महाविकास अघाड़ी की एक रैली है। यह सरकार प्रायोजित दंगा है।
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर रामनवमी हिंसा में एक की मौत
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में राम मंदिर के पास झड़प के बाद पुलिस कर्मियों पर भीड़ के हमले में घायल होने के कुछ घंटों बाद, एक 51 वर्षीय व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मृतक की पहचान शेख मुनीरुद्दीन के रूप में हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के कुछ घंटे बाद बृहस्पतिवार की रात शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। औरंगाबाद के किराडपुरा इलाके में राम मंदिर के पास दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तब लगभग 500 लोगों की भीड़ ने पथराव और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए। उपद्रवियों द्वारा 13 वाहनों को आग के हवाले करने की घटना बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात को हुई। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं और साथ ही लाइव राउंड भी किए।
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