भाजपा एमएलसी संजय निषाद के प्रभु श्रीराम पर अमर्यादित बयान से संत नाराज, कानूनी कार्यवाही की मांग की

Sant angry with Sanjay Nishad indecent statement

संजय निषाद के बयान के बाद अयोध्या के संतों ने भाजपा से बाहर किये जाने का दिया अल्टीमेटम, कहा हुआ है श्री राम का अपमान

अयोध्या । भाजपा के नव निर्वाचित एमएलसी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भगवान श्री राम जन्म को लेकर अमर्यादित टिप्पणी दिए जाने के बाद संतों ने नाराजगी जाहिर की है। और कानूनी कार्यवाही की बात की है। साथ ही चेतावनी दी कि हमारे भगवान को लेकर अब टिप्पणी किया तो उसका अंजाम बुरा होगा।

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दरसल संजय निषाद ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को लेकर कहा की भगवान श्री राम और निषाद राज का जन्म मखौड़ा घाट पर हुआ था। पुत्रयेष्ठ कामी यज्ञ में नियोग विधि से खीर खिलाने के बहाने हुआ। और कहा कि भगवान श्री राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र है। असली पुत्र श्रृंगऋषि निषाद के है। और कहा कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने भगवान श्री राम और निषाद राज की गले मिलते हुए प्रतिमा लगाने की मांग की है। जिस बयान के बाद अयोध्या के संतों नाराजगी देखी जा रही। संतों के मुताबिक जल्द ही इन पर कानूनी कार्यवाहीं किया जाना चाहिये।

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संजय निषाद के बयान को लेकर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने संजय निषाद के बयान को कपोलकल्पित व झूठा करार दिया है । आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि श्री राम के प्रति बयान देने वाले ऐसे व्यक्ति को बीजेपी रखती है तो बड़ा नुकसान बीजेपी का होगा । इसको पार्टी से अलग करें । उसने भगवान श्री राम का अपमान किया है , संजय निषाद समाज व पार्टी को दूषित करने वाला है । यह सनातन धर्म का अपमान है । वहीं अयोध्या तपस्वी छावनी के संत परमहंस आचार्य ने संजय निषाद के बयान की निंदा किया है । परमहंस आचार्य ने कहा कि संजय निषाद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए । संजय निषाद मूर्ख है , बीजेपी संजय निषाद को पार्टी से दूर रखें ।

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