SC के फैसले से सिद्ध हो गया कि राज्यपाल का शक्ति परीक्षण का फैसला बिलकुल सही था: शिवराज

न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यपाल को पहली नजर में यह लगता है कि सरकार बहुमत खो चुकी है तो उन्हें सदन में शक्ति परीक्षण का निर्देश देने का अधिकार है और संवैधानिक शुचिता के लिये भी ऐसे विषय को विश्वास मत के जरिये ही हल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, आज सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस केवल घटिया राजनीति करने की कोशिश करती रहती है। सर्वोच्च न्यायालय ने उनको फिर दिशा दिखा दी है कि झूठ की राजनीति लंबी नहीं चलती। हाल ही में कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के संबंध में चौहान ने कहा, कांग्रेस पार्टी के अंदर विद्रोह हुआ। मैं इस विषय पर कोई राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन सरकार का कुशासन ऐसा था कि उनके साथियों ने ही आरोप लगाए। इस कुशासन के कारण उनके सहयोगी खुद नाराज होकर चले गए और आरोप हम पर लगा रहे हैं। इसमें हमारा क्या दोष है? कमलनाथ नीत प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ऐसी सत्यानाश करने वाली सरकार हमने नहीं देखी। सरकार ठीक से चलाई नहीं। आप सरकार चला न पाओ, प्रदेश को तबाह कर दो और आरोप दूसरों पर लगाओ। ये कहां से उचित है?हम 23 मार्च से लगातार #COVID19 के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 13, 2020
हमारी @BJP4India ने फैसला किया कि पहले इस लड़ाई को जीतना है, मंत्रिमंडल का विस्तार कुछ दिनों बाद किया जाएगा।
आगे जैसी भी परिस्थितियाँ बनेंगी, पार्टी के साथ विचार-विमर्श करके निर्णय लिया जाएगा। #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/7OuI9K58RI
मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के राज्यपाल लालजी टण्डन के फैसले को सोमवार को सही ठहराया। न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यपाल को पहली नजर में यह लगता है कि सरकार बहुमत खो चुकी है तो उन्हें सदन में शक्ति परीक्षण का निर्देश देने का अधिकार है और संवैधानिक शुचिता के लिये भी ऐसे विषय को विश्वास मत के जरिये ही हल किया जा सकता है।
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