SC के फैसले से सिद्ध हो गया कि राज्यपाल का शक्ति परीक्षण का फैसला बिलकुल सही था: शिवराज

Shivraj

न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यपाल को पहली नजर में यह लगता है कि सरकार बहुमत खो चुकी है तो उन्हें सदन में शक्ति परीक्षण का निर्देश देने का अधिकार है और संवैधानिक शुचिता के लिये भी ऐसे विषय को विश्वास मत के जरिये ही हल किया जा सकता है।

भोपाल। उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्य प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के राज्यपाल लालजी टण्डन के फैसले को सही ठहराए जाने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि इससे सिद्ध हो गया कि राज्यपाल का शक्ति परीक्षण का फैसला बिलकुल सही था। वीडियो के माध्यम से जारी बयान में चौहान ने कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले से सिद्ध हो गया कि राज्यपाल महोदय का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) का फैसला बिलकुल सही था। ऐसी स्थिति में क्या होता? आपने (कमलनाथ) बहुमत खो दिया और अल्पमत में आ गए, ऐसे में फ्लोर टेस्ट ही एकमात्र विकल्प था। उन्होंने कहा, आज सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस केवल घटिया राजनीति करने की कोशिश करती रहती है। सर्वोच्च न्यायालय ने उनको फिर दिशा दिखा दी है कि झूठ की राजनीति लंबी नहीं चलती। हाल ही में कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के संबंध में चौहान ने कहा, कांग्रेस पार्टी के अंदर विद्रोह हुआ। मैं इस विषय पर कोई राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन सरकार का कुशासन ऐसा था कि उनके साथियों ने ही आरोप लगाए। इस कुशासन के कारण उनके सहयोगी खुद नाराज होकर चले गए और आरोप हम पर लगा रहे हैं। इसमें हमारा क्या दोष है? कमलनाथ नीत प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ऐसी सत्यानाश करने वाली सरकार हमने नहीं देखी। सरकार ठीक से चलाई नहीं। आप सरकार चला न पाओ, प्रदेश को तबाह कर दो और आरोप दूसरों पर लगाओ। ये कहां से उचित है? 

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मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के राज्यपाल लालजी टण्डन के फैसले को सोमवार को सही ठहराया। न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यपाल को पहली नजर में यह लगता है कि सरकार बहुमत खो चुकी है तो उन्हें सदन में शक्ति परीक्षण का निर्देश देने का अधिकार है और संवैधानिक शुचिता के लिये भी ऐसे विषय को विश्वास मत के जरिये ही हल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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