सिंधिया ने जय-जय कमलनाथ के नारे को लेकर पूर्व CM पर साधा निशाना

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सिंधिया ने इंदौर शहर से 25 किलोमीटर दूर डकाच्या गांव में एक चुनावी सभा में श्रोताओं से जय-जय सियाराम का नारा लगवाते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने (अयोध्या में) शिलान्यास करते हुए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। राम मंदिर देश की 130 करोड़ जनता की भावनाओं से जुड़ा है। देश और भाजपा में यही नारा (जय-जय सियाराम) लगता है... और कांग्रेस में नारा लगता है-जय-जय कमलनाथ।

इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सभाओं में उनके समर्थकों द्वारा अक्सर लगाए जाने वाले जय-जय कमलनाथ के नारे पर भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को निशाना साधा और 73 वर्षीय कांग्रेस नेता पर अहंकारी होने का आरोप लगाया। सिंधिया ने इंदौर शहर से 25 किलोमीटर दूर डकाच्या गांव में एक चुनावी सभा में श्रोताओं से जय-जय सियाराम का नारा लगवाते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने (अयोध्या में) शिलान्यास करते हुए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। राम मंदिर देश की 130 करोड़ जनता की भावनाओं से जुड़ा है। देश और भाजपा में यही नारा (जय-जय सियाराम) लगता है... और कांग्रेस में नारा लगता है-जय-जय कमलनाथ। उन्होंने कहा, भाजपा और कांग्रेस में यही अंतर है। जो व्यक्ति अपने आप को भगवान के समान समझे, उसके अहंकार को हमें आगामी तीन तारीख (सूबे की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के मतदान की तिथि) को चूर-चूर करके छोड़ना है। 

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सिंधिया, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और प्रदेश के पूर्व जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रचार के लिए आए थे। राज्यसभा सांसद ने इस मौके पर भाजपा नेता इमरती देवी पर कमलनाथ की विवादास्पद टिप्पणी का मुद्दा फिर उठाया और कहा, अगर आज (संविधान निर्माता) बाबा साहब आम्बेडकर जीवित होते , तो कमलनाथ को मुंहतोड़ जवाब देते। गौरतलब है कि सिंधिया, सूबे में सात महीने पहले के उस सियासी तख्तापलट के प्रमुख सूत्रधार रहे थे जिसके तहत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के एक साथ इस्तीफा देकर भाजपा के पाले में चले जाने से कांग्रेस सरकार को सत्ता से हट गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में भाजपा सत्ता में लौट आई थी। सिंधिया ने उन्हें और उनके साथ भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व विधायकों को कांग्रेस द्वारा गद्दार बताए जाने पर पलटवार किया। राज्यसभा सांसद ने कहा, मध्यप्रदेश के किसानों, महिलाओं और नौजवानों के प्रति कमलनाथ और (वरिष्ठ कांग्रेस नेता) दिग्विजय सिंह सबसे बड़े गद्दार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार किसान कर्ज माफी और अन्य अहम वादे निभाने में नाकाम रही जो नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए थे। राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सिंधिया ने तंज किया, कमलनाथ के बारे में कांग्रेस के लोग कहते हैं कि वह राष्ट्रीय स्तर के नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के उद्योगपति हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके 15 महीने के कार्यकाल के दौरान राज्य में कोई उद्योग नहीं आया। लेकिन वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) में तबादलों का नया उद्योग जरूर शुरू कर दिया गया। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दिग्विजय सिंह को इशारों ही इशारों में सुपर सीएम बताया। इसके साथ ही कहा, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सुन लें कि आपकी चापलूसी के लिए मेरी पैदाइश नहीं हुई थी। सिंधिया परिवार किसानों, महिलाओं और नौजवानों के हितों की लड़ाई के लिए जमीन पर उतरता है।

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