छपरा में Social Media के इस्तेमाल करने पर लगा बैन, धारा 144 लागू... युवकों की पिटाई से जुड़ा है मामला
बिहार के छपरा में इन दिनों तीन युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। इस मारपीट में एक युवक की मौत हुई थी, जिसके बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए इलाके में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
बिहार के सारण जिले के मांझी थाना अंतर्गत मुबारकपुर गांव में बंधक बनाकर तीन युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है। इस हिंसा के वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। इस पिटाई के बाद एक युवक की मौत हुई थी जबकि दो अन्य जख्मी हुए थे।
इस घटना के बाद उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के मद्देनजर इलाके में तनाव को देखते हुए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस मुख्यालय से सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार सारण के मांझी थाना में वर्तमान स्थिति को देखते हुए विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच पुलिस अधिकारियों
पुलिस के मुताबिक पूरे जिले में छह फरवरी से आठ फरवरी की रात 11 बजे तक सोशल मीडिया के उपयग पर पाबंदी है। इसमें फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप समेत सभी सोशल नेटवर्किंग साइट्स शामिल है। इस संबंध में बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर से आदेश जारी हुए है।
बयान के मुताबिक़ वीडियोग्राफर भी रखे गए हैं, जो किसी भी तरह की गड़बड़ी मे संलिप्त लोगों का लगातार वीडियो बनाएंगे। जिले के बाहर से भी अतिरिक्त सुरक्षा बल मंगाया गया है। हत्या कांड में दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शेष की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया है। दोनों मामलों (हत्या व उपद्रव/उन्माद फैलाना) के दोषियों के फरार रहने की स्थिति में तुरंत उनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भड़काऊ एवं भ्रामक पोस्ट करने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
ये हुई कार्रवाई
वहीं सुरक्षा के लिहाज से मुबारकपुर गांव में उपद्रव करने के बाद धारा 144 लगाई गई है। पुलिस के मुताबिक इलाके में हालात काबू में है। हाालंकि एहतियात के तौर पर पूरे इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है। आईटीबीपी और बीएसएपी की टुकड़ियों की तैनाती की गई है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ है। वहीं संबंधित अधिकारी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मांझी थाने के एसएचओ को निलंबित किया गया है।
ये है मामला
गांव के मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव और उसके समर्थकों पर दो फरवरी को तीन युवकों अमितेश सिंह, राहुल सिंह और आलोक सिंह को बंधक बना कर उनकी बेरहमी से पिटाई किये जाने का आरोप है, जिसमें से अमितेश की मौत हो गई है जबकि अन्य दो युवकों को इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के विरोध में रविवार को उक्त गांव में आगजनी और तोड़फोड़ के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव व्याप्त होने की सूचना है।
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