शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी बोले, केंद्र सरकार को कम से कम अब हमसे बात करनी चाहिए

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[email protected] । Feb 18 2020 10:04AM

नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में सैंकड़ों लोग, विशेषकर महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग में डेरा डाले हुए हैं, जिनके प्रदर्शनों वजह से एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई है।

नयी दिल्ली। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को दूसरे स्थल पर जाने के लिए मनाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दो वार्ताकारों की नियुक्ति से प्रदर्शनकारियों को थोड़ी निराशा हुई, हालांकि उनमें से कई का मानना है कि अपनी असहमति को लेकर सरकार से बात करना ही अंतिम रास्ता है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में सैंकड़ों लोग, विशेषकर महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग में डेरा डाले हुए हैं, जिनके प्रदर्शनों वजह से एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई है।

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महिला प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए तम्बू ने स्थल को ‘‘न्याय और समानता के लिए युद्ध का मैदान’’ के रूप में प्रतिरूपित किया। उन्होंने कहा कि वे वहां से जाने के विचार से विचलित नहीं हैं लेकिन वे पहले सीएए पर सरकार के साथ विस्तृत बातचीत करना चाहते हैं। बाटला हाउस का निवासी शाहीदा खान ने कहा, ‘‘हमने 15 दिसंबर को अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया जब जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों को पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटा गया था। हमें स्थानांतरण से बहुत खुशी नहीं होगी लेकिन चूंकि यह अदालत का फैसला है, इसलिए हम इसे पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करेंगे।’’