शिवराज चौहान ने लगाई जनता अदालत, कमलनाथ सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन

shivraj-chauhan-sets-up-janata-adalat-agitation-against-kamal-nath-government
[email protected] । Sep 24 2019 3:46PM

उन्होंने कहा ‘‘इस मुद्दे पर हम अधिकारियों से चर्चा के लिये एक संघर्ष समिति का गठन करेंगे और यदि कोई समाधान नहीं निकला तो उसके बाद हम सविनय अवज्ञा विरोध शुरु करेंगे।’’

भोपाल। बिजली के भारी भरकम बिल और किसानों का फसल रिण माफ करने के मुद्दे को लेकर कमलनाथ सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि यदि तय समय में इन वादों को पूरा नहीं किया गया तो वह ‘‘सविनय अवज्ञा’’ आंदोलन शुरु करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बुधनी विधानसभा क्षेत्र के नसरुल्लागंज कस्बे में दो दिवसीय ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम के समापन अवसर पर, आज अपने संबोधन में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जल्द ही ‘‘सविनय अवज्ञा’’ आंदोलन शुरु करने की बात कही।

‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में आए लोगों ने बिजली के भारी भरकम बिल, किसानों का फसल ऋण माफ नहीं करने और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की समस्याओं का जिक्र किया। चौहान की मौजूदगी में ग्रामीणों ने बिजली के बिल भी जलाए और कहा कि जब तक सरकार बिजली का बिल 200 रुपये प्रति माह से घटाकर 100 रुपये प्रति माह करने का अपना वादा पूरा नहीं करती, तब तक वे बिल का भुगतान नहीं करेंगे। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा,  बिलों को कम करने के बजाय, किसानों को बढ़े हुए बिजली के बिल मिल रहे हैं जो अनुचित है।’’ उन्होंने कहा ‘‘इस मुद्दे पर हम अधिकारियों से चर्चा के लिये एक संघर्ष समिति का गठन करेंगे और यदि कोई समाधान नहीं निकला तो उसके बाद हम सविनय अवज्ञा विरोध शुरु करेंगे।’’

इसे भी पढ़ें: चंबल ने चंबल में मचाई तबाही, मुरैना और भिण्ड जिले के डेढ़ सौ गांवों में बाढ़ की स्थिति

चौहान ने अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों को उनकी नष्ट हुई फसलों की भरपाईकरने की मांग करते हुए कहा कि वह किसानों के हक के लिए संघर्ष करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने रात जनता के बीच बिताई, किसानों के साथ दाल-बाटी पकाई और भजन गाए।इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (कमलनाथ) के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सिंह सलूजा ने कहा कि अगर चौहान ने अपने 13 साल के शासन के दौरान लोगों का ख्याल रखा होता और ऐसे जनता दरबार आयोजित किये होते तो उन्हें आज बाटी नहीं पकानी पड़ती और न ही भजन गाने पड़ते। सलूजा ने कहा,  जब वह (चौहान) सत्ता में थे तो उन्होंने लोगों की परवाह नहीं की, लेकिन सत्ता खोने के बाद उन्हें जनता याद आने लगी।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़