बागी विधायकों के खिलाफ शिवसेना ने की कार्रवाई की मांग, शिंदे बोले- हमें डरा नहीं सकते, हम बाला साहब के सच्चे शिवसैनिक
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अपने ट्वीट में एकनाथ शिंदे ने साफ तौर पर कहा कि किसे डराने की कोशिश की जा रही है, हम बाला साहब के सच्चे शिवसैनिक हैं। अपने ट्वीट में शिंदे ने लिखा कि आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपके तरीके और कानून को भी जानते हैं!
महाराष्ट्र में शिवसेना और उद्धव ठाकरे के लिए लगातार चुनौतियां सामने आ रही हैं। हालांकि, बागी हुए विधायकों को लेकर शिवसेना की ओर से कार्रवाई के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष को एक सूची सौंपी गई है। इस सूची में 12 विधायकों के नाम हैं। इसमें कहा गया है कि उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई हो जो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। अब इसी को लेकर एकनाथ शिंदे ने ट्वीट के जरिए पलटवार किया है। अपने ट्वीट में एकनाथ शिंदे ने साफ तौर पर कहा कि किसे डराने की कोशिश की जा रही है, हम बाला साहब के सच्चे शिवसैनिक हैं। अपने ट्वीट में शिंदे ने लिखा कि आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपके तरीके और कानून को भी जानते हैं!
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शिवसेना के बागी नेता ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची (अनुसूची) के अनुसार व्हिप विधानसभा कार्य के लिए है, बैठकों के लिए नहीं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं। उन्होंने कहा कि 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर आप हमें डरा नहीं सकते. क्योंकि हम आदरणीय शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के असली शिवसेना और शिव सैनिक हैं। शिंदे ने साफ तौर पर कहा कि हम कानून जानते हैं, इसलिए हमको धमकी मत दो। तुम्हारे पास संख्या नहीं है फिर भी सरकार चला रहे हो। अब हम कार्रवाई की मांग करते हैं।
अरविंद सावंत का बयान
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा) के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि बैठक से पहले नोटिस जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि अगर आप बैठक में शामिल नहीं हुए तो संविधान के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ नहीं आए और कुछ ने बेवजह कारण बताए।
कोणाला घाबरवण्याचा प्रयत्न करताय?
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 23, 2022
तुमची बनवाबनवी आणि कायदा आम्हालाही कळतो!
घटनेच्या 10 व्या परिशिष्टाप्रमाणे (शेड्युल) व्हीप हा विधानसभा कामकाजासाठी लागतो, बैठकीसाठी नाही.
यासंदर्भात सुप्रीम कोर्टाचे असंख्य निकाल आहेत.#RealShivsainik
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