यूनियन कार्बाइड के जहरीले तालाब में उगाया जा रहा है सिंहाड़ा, गैस संगठनों ने दर्ज की शिकायत

poisonous pond of Union Carbide
सुयश भट्ट । Sep 24 2021 12:44PM

यूनियन कार्बाइड के जहरीले तालाब में स्थानीय दबंगो द्वारा सिंहाड़े की खेती की जा रही है। और जहरीले सिंहाड़ों को स्थानीय बाजार में बेचा जा रहा है।

भोपाल। राजधानी भोपाल के यूनियन कार्बाइड के जहरीले तालाब में स्थानीय दबंगो द्वारा सिंहाड़े की खेती की जा रही है। और जहरीले सिंहाड़ों को स्थानीय बाजार में बेचा जा रहा है। ये वही तालाब है जहां यूनियन कार्बाइड ने हज़ारो टन जहरीले रसायन गड़ा है।

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आपको बता दें कि इसकी वजह से 3km के क्षेत्र का भूजल प्रदूषित है। सरकारी एवम गैर सरकारी 17 अध्ययनों ने इस तालाब में मस्तिष्क, गुर्दे, जिगर को नुकसान पहुँचाने वाले और इसके साथ ही बच्चों के अंदर जन्मजात विकृति पैदा करने वाले रसायनों की पुष्टि की है। वहीं गैस संगठनो ने जिला प्रशासन और विभाग से शिकायत कर तुरंत कारवाही की मांग की है।

दरअसल 2-3 दिसंबर 1984 की रात को यूका से मिथाइल आइसो साइनाइड (मिक) गैस का रिसाव हुआ था। इसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई थीं। ये सिलसिला अब भी जारी हैं। वजह साफ है, तरह-तरह की बीमारियां जैसे कैंसर, किडनी, श्वांस, आंखों की रोशनी जाना, मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, साथ ही जन्मजात समस्याएं, शारीरिक विकार पैदा होना। पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण हवा का दूषित होना।क

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वहीं पूर्व में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीलॉजी रिसर्च ने रिपोर्ट दी थी कि कारखाने के आसपास की 42 बस्तियों का भू-जल जहरीले कचरे की वजह से बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुका है। वैसे यूका हादसे के बाद से अब तक इस जहरीले कचरे के निष्पादन के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। बातें खूब हुई। बातों का सिलसिला अब भी जारी हैं। कुछ वर्ष पहले यहां एक बोर्ड भी लगाकर चेताया गया था कि तालाब में नहाना मना है। मवेशी इसका पानी न पी सके। इसके लिए रोक-टोक होती थी। इस पूरे मामले की हकीकत से आम-खास भी वाकिफ है। लेकिन सरकारी अमला नासमझ है।

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