केरल के 28वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फलस्तीन के लोगों के प्रति एकजुटता जतायी गयी

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सूडान से कान फिल्म महोत्सव के लिए चयनित पहली फिल्म ‘गुड बाय जूलिया’ को इस साल महोत्सव की पहली फिल्म के रूप में दिखाया गया। महोत्सव में पोलैंड के प्रसिद्ध निदेशक किर्जिस्तोफ जानुसी को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दिया जाएगा।

केरल का 28वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव युद्धग्रस्त फलस्तीन के लोगों के प्रति एकजुटता जताने के साथ ही राजधानी तिरुवनंतपुरम में शुरू हुआ। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने शुक्रवार को यहां निशागांधी सभागार में भव्य स्तर पर आयोजित फिल्म महोत्सव का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया।

समारोह की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने की। विजयन ने कहा कि यह महोत्सव विशिष्ट रूप से ‘‘फलस्तीनी लोगों के संघर्ष के प्रति एकजुटता जताने का प्रयास है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ‘स्प्रिट ऑफ सिनेमा’ पुरस्कार केन्या के कलाकार वानुरी काहियु को प्रदान कर राज्य आजादी और अभिव्यक्ति के लिए लड़ने वाले लोगों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता जता रहा है।

समारोह में मुख्य अतिथि रहे अभिनेता नाना पाटेकर ने मलयालम सिनेमा का हिस्सा बनने की उत्सुकता व्यक्त की। आठ दिन तक चलने वाले इस समारोह में 12,000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इसमें 81 देशों की 175 अंतरराष्ट्रीय फिल्मों को दिखाया जाएगा।

सूडान से कान फिल्म महोत्सव के लिए चयनित पहली फिल्म ‘गुड बाय जूलिया’ को इस साल महोत्सव की पहली फिल्म के रूप में दिखाया गया। महोत्सव में पोलैंड के प्रसिद्ध निदेशक किर्जिस्तोफ जानुसी को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दिया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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