सबरीमाला में महिलाओं का मुद्दा आम सहमति से सुलझाएं: भाजपा

[email protected] । Apr 29 2016 2:57PM

सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को पूजा की अनुमति को लेकर जारी बहस के बीच केरल भाजपा का मानना है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को पूजा करने की अनुमति को लेकर जारी बहस के बीच केरल में भाजपा का मानना है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इसे भागीदारों के बीच आम सहमति के जरिए हल किया जाना चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने कहा कि जहां रीति-रिवाज ‘‘समय के साथ बदलने चाहिए’’, राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर कोई पक्ष नहीं लेना चाहिए। ‘‘इस मामले पर उन्हीं लोगों को निर्णय करना चाहिए जिनकी धर्म में आस्था है।’’

मुख्यमंत्री ओमन चांडी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार इस मंदिर की परंपराओं और रीति रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। हालांकि भाजपा नेता ने कहा कि परंपराएं और रीति रिवाज समय के साथ बदलने चाहिए। ''इस बात में कोई संदेह नहीं है कि परंपराएं और धार्मिक संस्कार समय के मुताबिक बदलने चाहिए, लेकिन यह तभी हो जब इसको लेकर आम सहमति बने।’’ राजशेखरन ने यहां दिए एक साक्षात्कार में कहा, ''सबरीमाला में 10-50 आयु समूह की महिलाओं को प्रवेश का मुद्दा धार्मिक है और इसे धर्म के भीतर एक व्यवस्था के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ''इस तरह की व्यवस्था केवल हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि इस्लाम में भी मौजूद है। चूंकि आस्था, धर्म की रीढ़ है, आध्यात्मिकता, धर्म से अलग है। परंपरा और व्यवस्था की अध्यात्म में कोई जगह नहीं है, लेकिन सभी धर्मों का आधार आस्था है। धर्म को बनाए रखने के लिए व्यवस्थाओं, रीति रिवाजों और परंपराओं का निर्माण किया गया है।’’

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