कुछ ताकतें कृषि क्षेत्र के विकास को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं: भूपेंद्र यादव
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Feb 13 2021 8:57AM
भाजपा के राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा कि वह विपक्ष को तीनों कानूनों के बारे में याद दिलाना चाहते हैं कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक कृषि समिति बनायी थी जिसने देश में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कृषि उत्पादन विपणन समिति (एपीएमसी) को खत्म करने की सिफारिश की थी।
नयी दिल्ली। भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कृषि कानूनों को देश में ‘‘सबसे बड़ा मुद्दा’’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि कुछ ताकतें ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के विकास को लगातार बाधित करने का प्रयास कर रही हैं। हाल में घोषित केंद्रीय बजट के संबंध में दिल्ली भाजपा कार्यालय में वकीलों के साथ संवाद करते हुए यादव ने कहा, ‘‘वर्तमान में कृषि कानून देश में सबसे बड़ा मुद्दा है और कुछ लोग इस पर ‘‘भ्रम’’ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने दोहराया कि कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म नहीं होगी और ना ही इसके कारण किसानों की जमीनों पर कोई खतरा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने साफ तौर पर कई बार कहा है कि खेती के लिए अनुबंध केवल किसानों के खेतों में खड़ी फसल के लिए होगा। सरकार कई बार यह बता चुकी है लेकिन आज जब हम देश को आगे ले जाना चाहते हैं और ग्रामीण तथा कृषि क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं तो कुछ ताकतें बार-बार अवरोध डाल रही हैं।’’आज @BJP4Delhi द्वारा #AatmanirbharBharatKaBudget पर आयोजित कार्यक्रम में अधिवक्ता वर्ग के साथ चर्चा हुई। संसद डायरी -10: https://t.co/TYTQu1lMLJ pic.twitter.com/xApgnmvi69
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) February 12, 2021
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भाजपा के राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा कि वह विपक्ष को तीनों कानूनों के बारे में याद दिलाना चाहते हैं कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक कृषि समिति बनायी थी जिसने देश में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कृषि उत्पादन विपणन समिति (एपीएमसी) को खत्म करने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमारी सरकार एपीएमसी को खत्म नहीं करने जा रही। हमने एपीएमसी के अलावा किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और अवसर मुहैया कराए हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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