कर्नाटक हाईकोर्ट से सोनू निगम को बड़ी राहत, दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक

अतिरिक्त राज्य लोक अभियोजक बी.एन. जगदीश ने अदालत को सूचित किया कि यदि सोनू निगम चल रही पुलिस जांच में सहयोग करते हैं तो "कोई दंडात्मक कदम" नहीं उठाया जाएगा। यह कानूनी कार्यवाही के बीच गायक के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरिम राहत के रूप में आता है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक गायक सोनू निगम के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। अदालत ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने पर भी रोक लगा दी है। अतिरिक्त राज्य लोक अभियोजक बी.एन. जगदीश ने अदालत को सूचित किया कि यदि सोनू निगम चल रही पुलिस जांच में सहयोग करते हैं तो "कोई दंडात्मक कदम" नहीं उठाया जाएगा। यह कानूनी कार्यवाही के बीच गायक के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरिम राहत के रूप में आता है।
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यह विवाद 25 अप्रैल को बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित संगीत कार्यक्रम में हुई घटना से जुड़ा है। कार्यक्रम के दौरान कई श्रोताओं ने सोनू से कन्नड़ में गाना गाने का आग्रह किया। खबरों के मुताबिक, सोनू ने अनुरोध के तरीके पर आपत्ति जताई और कुछ छात्रों पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की ओर इशारा करते हुए कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की कि “कन्नड़, कन्नड़, कन्नड़। यही कारण है कि पहलगाम हुआ।
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सोशल मीडिया पर यह टिप्पणी बड़े पैमाने पर प्रसारित की गई, जिसके बाद सोनू को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। दो मई को कर्नाटक रक्षण वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) की बेंगलुरु शहर जिला इकाई के अध्यक्ष टीए धर्मराज ने इस टिप्पणी को लेकर सोनू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर अवलाहल्ली पुलिस ने तीन मई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 351 (2) (आपराधिक धमकी), 352 (1) (शांति भंग करने के इरादे से अपमान) और 353 (सार्वजनिक शरारत भड़काने की आशंका वाले बयान) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। तीखी प्रतिक्रिया के बाद सोनू ने सार्वजनिक बयान जारी कर अपनी टिप्पणियों के लिए खेद जताया और माफी मांगी। हालांकि, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रही, जिसके कारण उन्हें आपराधिक मामले को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका दायर करनी पड़ी।
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