राजस्थान कांग्रेस में फिर उठ रही विरोध की चिंगारी, गहलोत और पायलट खेमा आपने-सामने

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सचिन पायलट गुट के इन विधायकों के शामिल ना होने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने चुटकी भी ली और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए किसी को पीले चावल बांटने की जरूरत नहीं है।

एक बार फिर से राजस्थान कांग्रेस में असंतोष की खाई गहरी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ एक बार फिर से सचिन पायलट खेमे के विधायक असंतोष जता रहे हैं। 1 साल के भीतर यह दूसरी बार है जब सचिन पायलट खेमे के विधायक अशोक गहलोत के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। यह खाई उस समय भी दिखाई दी जब आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में प्रतीकात्मक दांडी मार्च निकाला। इस कार्यक्रम के दौरान पायलट गुट के कई विधायकों ने शिरकत नहीं की। सचिन पायलट गुट के इन विधायकों के शामिल ना होने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने चुटकी भी ली और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए किसी को पीले चावल बांटने की जरूरत नहीं है। 

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गहलोत के इस बयान के बाद पायलट गुट के विधायकों ने उनके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। केवल एक बार फिर से तीखे हो रहे है। पायलट गुट के रमेश मीणा पहले से ही sc-st विधायकों से भेदभाव के आरोप को लेकर खफा हैं। मीणा ने तो इस्तीफा तक देने की धमकी दे दी है। रमेश मीणा को अब मुरारी मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी का साथ मिला है। वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि सरकार मंत्री sc-st विधायकों की बात नहीं सुन रहे हैं। फिलहाल यह किसी खेमे की बात नहीं है बल्कि पूरे राजस्थान के sc-st और अल्पसंख्यक विधायकों की बात है। वही, मुरारी मीणा ने अपने क्षेत्र में काम ना होने का ठीकरा सरकार पर फोड़ दिया। मुरारी मीणा ने तो यहां तक कह दिया कि विधानसभा के स्तर पर, सरकार के स्तर पर और पार्टी के स्तर पर जो काम उनके विधानसभा क्षेत्र में होने चाहिए थे वह नहीं हो रहे हैं और इससे हमें परेशानी हो रही है। 

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पिछले साल हुए सुलह के बाद फिर से विरोध की चिंगारी उठ रही है। पायलट खेमा और गहलोत खेमा में एक बार फिर से जुबानी जंग तेज हो गई है। आने वाले दिनों में यह विरोध और भी तेज हो सकता है। तमाम मसलों पर फिलहाल सचिन पायलट ने चुप्पी साध रखी है। सचिन पायलट समर्थकों का मानना है कि अशोक गहलोत ने अब सरकार ढाई साल चला ली है। उन्हें अब दूसरे को मौका देना चाहिए। सचिन पायलट के गुटों की नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि बोर्डों में नियुक्तियां सिर्फ और सिर्फ गहलोत गुट के लोगों की हो रही है। दूसरी ओर भाजपा ने इस मसले पर चुटकी लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री ने इस तरह का बयान दिया है। इससे जाहिर होता है कि सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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