Jammu-Kashmir में आतंकवादियों, आतंकियों के सहयोगियों और मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ दनादन Action

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ANI

जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला ने बताया कि घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या पिछले 34 वर्षों में सबसे कम है। लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘इंशाअल्लाह, लेकिन मुझे लगता है कि सेना को हटाने का समय अभी नहीं आया है।''

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के सफाये, आतंकवादियों की मदद करने वालों की धरपकड़ और ड्रग्स के कारोबार में लगे लोगों पर छापेमारी की कार्यवाही तेजी के साथ चल रही है। इस बीच सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में हालात में सुधार के बावजूद आंतरिक इलाकों से सेना वापसी का समय अभी नहीं आया है तो दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जी20 बैठक का सफल आयोजन अशांति पैदा करने वालों के लिए करारा सबक है।

सेना बनी रहेगी

कश्मीर के हालात की बात करें तो आपको बता दें कि यहां की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है, लेकिन घाटी के आतंरिक इलाकों से सेना की वापसी का समय अभी नहीं आया है। चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल ए.डी.एस. औजला ने बताया कि घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या पिछले 34 वर्षों में सबसे कम है। लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा, ‘‘इंशाअल्लाह, लेकिन मुझे लगता है कि वह समय अभी नहीं आया है। इससे पहले कि हम कोई फैसला लें, हमें अभी भी बहुत सारी अच्छी चीजें होती हुई देखनी हैं। मैं खुद किसी समय सीमा पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा और न ही मैं यह कहूंगा कि यह गलत समय है या सही समय है।’’ जीओसी ने कहा कि कश्मीर की समृद्धि और तरक्की सुनिश्चित करने के लिए सरकार की योजनाओं में सेना सिर्फ एक उपकरण है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ सामूहिक रूप से काम करेंगे ताकि हम निर्णय लेने से पहले कश्मीर को बेहतर स्थिति में देख सकें। यह एक राष्ट्रीय आह्वान है और इस बारे में फैसला सही समय पर उचित तरीके से लिया जायेगा।’’ उस समय जब वह एक युवा अधिकारी के रूप में करीब 30 साल पहले घाटी आए थे, तब से अब की स्थिति की तुलना के सवाल पर जीओसी ने कहा कि अब चीजें सही हुई हैं।

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उन्होंने कहा, ''हम जब पीछे मुड़कर तब की स्थिति पर गौर करते हैं जब मैं पहली बार यहां आया था, तो चीजें सही नहीं थी और उन्हें नियंत्रित करना था। आज, मैं पूरी ईमानदारी के साथ कह सकता हूं कि पिछले 30 वर्षों में, और विशेष रूप से अगस्त 2019 से पिछले तीन, साढ़े तीन वर्षों में, चीजें सही हुई हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में अनेक 'बलिदान' और कड़ी मेहनत के बाद सामान्य स्थिति और शांति हासिल हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘खुद एक सैनिक होने के नाते, मुझे लगता है कि यह वह जगह है जहां सैनिकों के बलिदान, इतनी सारी एजेंसियों के बलिदान, प्रशासन और लोगों के प्रयासों से स्थिति में बदलाव आया है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक क्रमिक प्रक्रिया है जो पिछले कई वर्षों से चली आ रही है और अभी भी बहुत प्रयास किये जाने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की मौजूदगी चिंता का कारण है, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की कुछ ‘‘मौजूदगी’’ थी लेकिन ‘‘चुनौती उन्हें बाहर खदेड़ने की है’’। बड़ी घटनाओं के दौरान आतंकवादियों की हमला करने की क्षमता पर एक सवाल के जवाब में, लेफ्टिनेंट जनरल औजला ने कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं।

आतंकवादी ठोके जा रहे हैं

दूसरी ओर आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान की बात करें तो जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शुक्रवार सुबह एक आतंकवादी मारा गया। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि राजौरी के पास दासल गुर्जन के वन क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनजर सेना और पुलिस ने बृहस्पतिवार व शुक्रवार की दरमियानी रात को घेराबंदी की तथा तलाश अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के सुरक्षा बलों पर गोली चलाने के बाद अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और दोनों पक्षों के बीच रातभर गोलीबारी जारी रही। जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने बताया कि मुठभेड़ अभी जारी है और इसमें एक आतंकवादी मारा गया है।

आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई

इसके अलावा यदि आतंकवादियों के सहयोगियों के खिलाफ चल रहे अभियानों की बात करें तो आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच इकाई (एसआईयू) ने ताजा कार्रवाई में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के एक सहयोगी की अनंतनाग स्थित संपत्ति कुर्क की है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों को शरण और रणनीतिक सहयोग देने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए एसआईयू (अनंतनाग इकाई) ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दनवाथपोरा कोकेरनाग इलाके स्थित आतंकवादी के एक सहयोगी की निर्माणाधीन इमारत कुर्क की। उन्होंने बताया कि इस संपत्ति का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम (यूएपीए) तहत दर्ज मामले की जांच के दौरान पाया गया कि आतंकवादी के सहयोगी एवं दनवाथपोरा कोकेरनाग निवासी मोहम्मद इशाक मलिक के निर्माणाधीन आवसीय इमारत का इस्तेमाल प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों द्वारा किया गया था।

साथ ही बारामूला जिले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फ्रेश्तिहार क्रीरी गांव में आतंकवादियों की आवाजाही के संबंध में मिली विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने फ्रेश्तिहार वारीपोरा क्रॉसिंग पर एक मोबाइल वाहन जांच चौकी (एमवीसीपी) स्थापित की। प्रवक्ता के मुताबिक, क्रॉसिंग की तरफ आ रहे दो संदिग्धों ने सुरक्षाबलों को देखने के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। प्रवक्ता के अनुसार, दोनों संदिग्धों की जांच के दौरान दो चीनी पिस्तौल, दो मैग्जीन और पिस्तौल की 15 गोलियां बरामद की गईं। उन्होंने कहा कि संदिग्धों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान फ्रेश्तिहार क्रीरी के रहने वाले सुहैल गुलजार और हुदीपोरा राफियाबाद के निवासी वसीम अहमद पाटा के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि सुहैल और वसीम लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के सहयोगी हैं।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने इस साल के शुरू में हुई बैंक के एक सुरक्षा कर्मी की हत्या के मामले में गुरुवार को घाटी में कई जगहों पर छापेमारी की। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ एसआईए के अधिकारियों ने पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग जिलों में कई स्थानों पर छापे मारे। उन्होंने बताया कि छापेमारी बैंक में सुरक्षा कर्मी के तौर काम करने वाले एक गैर-स्थानीय संजय शर्मा की हत्या के मामले की एसआईए द्वारा की जा रही जांच का हिस्सा है। हम आपको याद दिला दें कि इस साल फरवरी में पुलवामा के अचन इलाके में आतंकवादियों ने संजय शर्मा की हत्या कर दी थी।

ड्रग्स के खिलाफ अभियान

उधर, ड्रग्स के खिलाफ चल रहे अभियानों की बात करें तो आपको बता दें कि जम्मू में मादक पदार्थ की तस्करी के एक अंतर-राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से 22 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किया गया जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 150 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में इस साल अब तक 217 मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और सात करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किये गये हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी पर कार्रवाई करते हुए बारामूला पुलिस ने इस साल के पहले पांच महीनों में स्वापक औषधि एवं मनःप्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 144 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 217 मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए मादक पदार्थ तस्करों में से 23 के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ की अवैध तस्करी की रोकथाम (पीआईटीएनडीपीएस) और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, कालाबाजारी में करोड़ों रुपये की तस्करी का सामान बरामद किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कालाबाजारी में लगभग 3.41 करोड़ रुपये मूल्य की 2.625 किलोग्राम ब्राउन शुगर और 3.14 करोड़ रुपये मूल्य की 2.419 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने 43.90 लाख रुपये की नकदी और 15 वाहन भी जब्त किए हैं।

उपराज्यपाल का बयान

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जी20 देशों के पर्यटन कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन उन लोगों के लिए सबक है जिन्होंने अक्सर प्रदेश में अशांति पैदा करने की कोशिश की है। सिन्हा ने एसकेआईसीसी में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बदलाव की शुरुआत के कारण ही इतनी बड़ी संख्या में लोग भाग ले सकें। उन्होंने कहा, ‘‘मैं विवरण पर बात नहीं करना चाहता लेकिन जम्मू-कश्मीर में विभिन्न क्षेत्रों में हासिल उपलब्धियों ने लोगों का प्रशासन तथा मौजूदा प्रधानमंत्री में भरोसा बढ़ा दिया है।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर बहुत आगे निकल चुका है और दक्षिण कश्मीर में शोपियां या पुलवामा जिलों जैसे स्थानों पर 10,000 से अधिक युवाओं ने तिरंगा यात्रा में भाग लिया। सिन्हा ने कहा, ‘‘इन युवाओं ने अपने हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। यह पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में आया बदलाव है। हमने जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री द्वारा तय किए लक्ष्य की ओर काम करने का संकल्प लिया है। निस्संदेह जम्मू कश्मीर न केवल भारत के साथ एकजुट होगा बल्कि उसका विकसित भारत की ओर भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।’’

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