हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते है...मीडियाकर्मियों से ये क्या बोल गए तेस्जवी, BJP ने बताया अशिक्षित

अपनी टिप्पणी के कुछ घंटों बाद, यादव को भाजपा की ओर से भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, पार्टी नेता संजय जायसवाल ने उन्हें अशिक्षित और गैरजिम्मेदार कहा। एएनआई से बात करते हुए, जायसवाल ने उनसे माफ़ी मांगने, खेद व्यक्त करने और घर में जो सिखाया जाता है, उससे आगे न बोलने की शपथ लेने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार मतदाता सूची में अवैध प्रवासियों की संभावित उपस्थिति पर एक प्रश्न पर स्रोतों का हवाला देने के लिए एक पत्रकार की आलोचना की और कहा कि ऐसे स्रोतों को वह मूत्र मानते हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सत्यापन और मतदाता सूची से नामों के संभावित विलोपन को लेकर चिंता जताई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव से भारत भर में मतदाता सूची में विदेशी अवैध प्रवासियों की संभावित उपस्थिति की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, जिस पर चुनाव आयोग गहन समीक्षा करने की योजना बना रहा है।
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इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है ताकि इसकी आड़ में खेला कर सके। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे। इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते है। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रविवार को दावा किया कि बिहार में मतदाता सूची की चल रही गहन समीक्षा के लिए घर-घर जाकर किए गए दौरे के दौरान चुनाव आयोग के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से बड़ी संख्या में लोग मिले हैं।
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अपनी टिप्पणी के कुछ घंटों बाद, यादव को भाजपा की ओर से भारी आलोचना का सामना करना पड़ा, पार्टी नेता संजय जायसवाल ने उन्हें अशिक्षित और गैरजिम्मेदार कहा। एएनआई से बात करते हुए, जायसवाल ने उनसे माफ़ी मांगने, खेद व्यक्त करने और घर में जो सिखाया जाता है, उससे आगे न बोलने की शपथ लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "सिर्फ़ तेजस्वी यादव ही मीडियाकर्मियों या किसी भी इंसान के बारे में ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं। तेजस्वी यादव के साथ समस्या यह है कि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए उनके घर के लोग उन्हें जो भी याद करवाना चाहते हैं, रटा देते हैं और वह बस उसे दोहराते हैं। लेकिन अगर कोई उनसे इससे हटकर कोई सवाल पूछे, तो वह इस तरह की गड़बड़ी कर देते हैं।"
चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है ताकि इसकी आड़ में खेला कर सके। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 13, 2025
इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते है। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध… pic.twitter.com/ACwApxQwVr
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