प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा
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लोकसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर सरकार की आलोचना करते हुए योजना में किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाये जाने का आरोप लगाया।
लोकसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर सरकार की आलोचना करते हुए योजना में किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाये जाने का आरोप लगाया। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उनके राज्य हरियाणा में ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें किसानों की सहमति के बिना उनके खातों से फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि काट ली गयी। उन्होंने प्रीमियम की दर अधिक होने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार ने यह योजना किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई है। हुड्डा ने कहा कि योजना में खामियां हैं जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सरकार को इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह किसान लूट योजना कर देना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री का नाम भी खराब नहीं हो।’’
स्वाभिमान पक्ष के राजू शेट्टी ने गन्ना उत्पादक किसानों का विषय उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल अधिक चीनी उत्पादन की पृष्ठभूमि में चीनी मिल मालिकों को निर्यात करने का सुझाव दिया था और घाटे में निर्यात के ऐवज में 400 रुपये प्रति कुंटल का अनुदान देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिकों को अनुदान नहीं मिलने के चलते वे किसानों का बकाया नहीं दे रहे हैं। सरकार को बकाया धन किसानों के खातों में सीधे पहुंचाना चाहिए। कांग्रेस के के. सुरेश ने केरल में काजू श्रमिकों की समस्याएं उठाते हुए केंद्र सरकार से उस पर ध्यान देने की मांग की। अन्नाद्रमुक के के. कामराज ने राष्ट्रीय पशुधन योजना के तहत तमिलनाडु को इस वर्ष अधिक आवंटन करने की मांग की।
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