हिमंत विश्व शर्मा पर बरसे तरुण गोगोई, बताया आदतन झूठा
एक दिन पहले ही ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने भी शर्मा के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाये थे और कहा था कि मंत्री ने विधानसभा में झूठा दावा किया था कि समझौते में कट-ऑफ तारीख के तौर पर 24 मार्च, 1971 का उल्लेख नहीं है।
गुवाहाटी। असम सरकार में मंत्री हिमंत विश्व शर्मा को ‘आदतन झूठा’ करार देते हुए कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने असम समझौते के बारे में झूठ बोला था जबकि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में अवैध प्रवासियों का पता लगाने और निर्वासन के लिए कट-ऑफ वर्ष 1971 दर्ज किया था। असम के पूर्व मुख्यमंत्री गोगोई ने एक समय अपनी सरकार में मंत्री रहे शर्मा पर राज्य की जनता को झूठी व्याख्या करके गुमराह करने का आरोप लगाया।
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एक दिन पहले ही ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने भी शर्मा के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाये थे और कहा था कि मंत्री ने विधानसभा में झूठा दावा किया था कि समझौते में कट-ऑफ तारीख के तौर पर 24 मार्च, 1971 का उल्लेख नहीं है। गोगोई ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिमंत विश्व शर्मा ने विधानसभा में झूठ बोला था कि समझौते में 1971 के बारे में कुछ नहीं कहा गया। झूठ बोलना उनकी आदत में है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बात पर झूठ बोलते हों तो और क्या उम्मीद की जा सकती है।’’
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उन्होंने कहा कि शर्मा संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन की दिशा भटकाने के लिए असम की जनता को गुमराह कर रहे हैं। गोगोई ने कहा, ‘‘हिमंत ने खुद 14 जुलाई, 2015 को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा जमा किया था और एनआरसी को अद्यतन करने के काम के लिए 1971 को आधार वर्ष बताया था। अजीब बात है कि अब वह कह रहे हैं कि समझौते में 1971 का कोई जिक्र नहीं है।’’
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