अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन की शिकार, आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित है: सीताराम येचुरी

economy-victim-of-mismanagement-common-life-is-also-badly-affected-says-sitaram-yechury
[email protected] । Jan 20 2020 5:56PM

येचुरी ने सरकार के कर संग्रह में कमी आने की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में ढाई लाख करोड़ रुपये के अनुमानित कर संग्रह में गिरावट के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार जिम्मेदार है।

नयी दिल्ली। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक मंदी के लिये केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन की शिकार है और इससे आम लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ा है। येचुरी ने सरकार के कर संग्रह में कमी आने की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में ढाई लाख करोड़ रुपये के अनुमानित कर संग्रह में गिरावट के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। 

येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह महज अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के अलावा और कुछ नहीं है। इसके कारण करोड़ों भारतीयों की गुजर बसर और रोजमर्रा की जिंदगी तबाह हुयी है, जबकि मोदी के धनी मित्र लगातार मुनाफे में जा रहे हैं और भाजपा को वित्तीय लाभ पहुंचा रहे हैं। सड़कों पर जनता इस बात का संज्ञान ले रही है और इसके लिये जिम्मेदारी भी तय की जायेगी।’’ येचुरी ने अर्थव्यवस्था के बारे में ऑक्सफेम की अध्ययन रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि देश के सर्वाधिक धनी एक प्रतिशत लोगों की संपत्ति में चार गुना तक इजाफा हुआ है जो कि देश की निर्धनतम 70 प्रतिशत आबादी अर्थात 95.3 करोड़ लोगों की संपत्ति के बराबर है। 

इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल से राज्यसभा में येचुरी को भेजना चाहती है माकपा

उन्होंने इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते हैं कि लोगों को भाजपा के वित्तपोषण के स्रोत के बारे में पता चले। येचुरी ने कहा, ‘‘चुनावी बॉंड योजना पारदर्शी नहीं है और यह लगातार निर्धनता की ओर बढ़ रहे लोगों के बीच निरंतर धनी हो रहे लोगों एवं भाजपा के बीच सांठगांठ को उजागर करती है।’’ 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़