उपेंद्र कुशवाहा को मंजूर नहीं तेजस्वी का नेतृत्व, रालोसपा का महागठबंधन से बाहर होना तय

रालोसपा की बैठक में पार्टी नेताओं ने एकतरफा फैसले लेने की प्रवृत्ति के लिए राजद को खारिज किया और महागठबंधन को विघटन के कगार पर लाने के लिए उसे दोषी ठहराया।
>उन्होंने कहा, ‘‘सीटों का मामला आज भी हमारे बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने ठीक से खड़ा हो सके। इतनी आकांक्षा और अपेक्षा जरूर थी। अगर अभी भी राजद अपना नेतृत्व परिवर्तन कर ले तो मैं अपने लोगों को समझा लूंगा।’’ उल्लेखनीय है कि राजद ने एकतरफा निर्णय लेते हुए बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव को आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है।After discussing the situation of Mahagathbandhan, the party has authorised me to take a decision. I will take a decision keeping in mind the interests of people of Bihar: RLSP chief Upendra Kushwaha on ties of the party with Mahagathbandhan https://t.co/qtIz497K54
— ANI (@ANI) September 24, 2020
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रालोसपा की बैठक में पार्टी नेताओं ने एकतरफा फैसले लेने की प्रवृत्ति के लिए राजद को खारिज किया और महागठबंधन को विघटन के कगार पर लाने के लिए उसे दोषी ठहराया। पार्टी सूत्रों ने हालांकि नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि रालोसपा नेता जदयू के साथ लगातार संपर्क में हैं। ‘‘रालोसपा को महागठबंधन से बाहर निकलना और राजग में वापसी एक औपचारिकता मात्र रह गयी है।
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