मुख्तार अंसारी की मौत पर तेजस्वी ने उठाए सवाल, नित्यानंद राय का पलटवार, बोले- ये तुष्टीकरण की राजनीति
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव के ट्वीट को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम सभी उनके ट्वीट के पीछे की मंशा जानते हैं।' अगर किसी के बारे में ट्वीट करने का मतलब वोट और तुष्टिकरण है तो ये अच्छा नहीं है।
राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत की घटनाओं पर चिंता जताई और संवैधानिक संस्थानों से "ऐसे अजीब मामलों" पर स्वत: संज्ञान लेने का आह्वान किया। मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। इससे कुछ दिनों पहले उनके भाई और गाज़ीपुर के सांसद अफ़ज़ल अंसारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें जेल में "धीमी गति से जहर" दिया जा रहा था। हालांकि, अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया था। 63 वर्षीय अंसारी, मऊ सदर से पांच बार विधायक थे और 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब में सलाखों के पीछे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे।
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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा कि यूपी से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दुःखद समाचार मिला। परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया ये न्यायोचित और मानवीय नहीं लगता। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव के ट्वीट को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम सभी उनके ट्वीट के पीछे की मंशा जानते हैं।' अगर किसी के बारे में ट्वीट करने का मतलब वोट और तुष्टिकरण है तो ये अच्छा नहीं है। वे सहानुभूति के लिए नहीं बल्कि वोट और तुष्टीकरण के लिए राजनीति करते हैं। वहीं, ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं और उन्होंने अंसारी के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों की ओर इशारा किया।
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उन्होंने कहा कि राज्य (उत्तर प्रदेश) कानून के शासन से नहीं बल्कि बंदूक के शासन से चल रहा है। मुख्तार अंसारी न्यायिक हिरासत में थे जब उनके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था कि परिवार को आशंका थी कि उन्हें जेल के अंदर मार दिया जाएगा। अब उनकी मौत हो गई है और परिवार का कहना है कि उन्हें धीमा जहर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें किसी विशेष अस्पताल में नहीं बल्कि एक ऐसे अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई और कुछ ही समय के भीतर उन्हें वापस जेल भेज दिया गया। मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार न्याय के हित में और कानून के शासन के हित में निष्पक्ष जांच करेगी। पूरी दुनिया को पता चलना चाहिए कि क्या हुआ है।
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