दलितों पर अत्याचारों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप ठीक नहीं: अठावले

[email protected] । Aug 22 2016 10:49AM

दलितों पर अत्याचारों को लेकर दलगत आरोप-प्रत्यारोप को अनुचित करार देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर सामाजिक विमर्श किया जाना चाहिये।

इंदौर। दलितों पर अत्याचारों को लेकर दलगत आरोप-प्रत्यारोप को अनुचित करार देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि इस मुद्दे पर सामाजिक विमर्श किया जाना चाहिये। अठावले ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कांग्रेस के इस आरोप को खारिज किया कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस द्वारा इस तरह के आरोप लगाना उचित नहीं है, क्योंकि उसकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में भी दलितों पर कई अत्याचार हुए हैं। हालांकि, मेरा मानना है कि दलितों पर अत्याचारों के विषय में दलगत आरोप-प्रत्यारोप उचित नहीं है। इस विषय पर सामाजिक विमर्श होना चाहिये।’’ केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘‘सरकार किसी भी दल की हो, दलितों पर अत्याचारों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हमारी सरकार कोशिश कर रही है कि दलितों पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगे।’’ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़े एक प्रश्न पर कहा, ‘‘दलित समुदाय के सारे वोटों पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का अधिकार नहीं है। आरपीआई उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ उतरेगी और दलितों का समर्थन हासिल करेगी।’’

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