ममता बनर्जी ने लिखी कविता, ‘‘क्या यह लोकतंत्र का अंत है?’’

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[email protected] । Feb 27 2020 8:11AM

ममता बनर्जी ने लिखा, ‘‘एक ओझल हुए पते की खोज, बंदूक की नोक पर देश में उफान लेता एक तूफान, शांत रहने वाले देश का हिंसक हो जाना, क्या यह लोकतंत्र का अंत है? बनर्जी ने लिखा कि कौन जवाब देगा? क्या कोई समाधान होगा?

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हुए एक कविता लिखी। इस कविता के माध्यम से उन्होंने तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं का जवाब मांगा है।

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उन्होंने लिखा, ‘‘एक ओझल हुए पते की खोज, बंदूक की नोक पर देश में उफान लेता एक तूफान, शांत रहने वाले देश का हिंसक हो जाना, क्या यह लोकतंत्र का अंत है?’’ बनर्जी ने लिखा, ‘‘ कौन जवाब देगा? क्या कोई समाधान होगा? हम और आप बहरे और गूंगे हैं/पवित्र धरा नर्क में तब्दील हो रही है।’’

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